Tuesday, March 25, 2025
Homeराजनीति‘गुरु नानक ने किसी भी मुद्रा या आसन को मान्यता नहीं दी’: SGPC ने...

‘गुरु नानक ने किसी भी मुद्रा या आसन को मान्यता नहीं दी’: SGPC ने राहुल गाँधी को दिया झटका, कहा – ‘अभय मुद्रा’ का सिख धर्म से कोई संबंध नहीं

SGPC ने लोकसभा एवं राज्यसभा के स्पीकरों से निवेदन किया कि किसी भी धर्म को ठेस पहुँचाई जाने वाली बातें संसद में नहीं की जानी चाहिए। राहुल गाँधी, जो सिख धर्म से भी कॉन्ग्रेस के चुनाव चिह्न को जोड़ रहे हैं, उन्हें इस बयान से झटका लगना तय है।

राहुल गाँधी शनिवार (6 जून, 2024) को एक बार फिर से कॉन्ग्रेस के चुनाव चिह्न को अभय मुद्रा बताते हुए इसे सभी धर्मों से जोड़ा। इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक की तस्वीर भी आप देखेंगे तो वो उनका हाथ अभय मुद्रा में होता है। हालाँकि, अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर का प्रबंधन करने वाली ‘शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी’ (SGPC) ने राहुल गाँधी के इस बयान की निंदा की है। राहुल गाँधी ने संसद में भी यही बात कही थी, जिसे उन्होंने गुजरात में दोहराया है।

SGPC ने स्पष्ट कहा है कि पवित्र गुरबानी और गुरुओं की शिक्षाओं पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। सिख संस्था ने एक प्रस्ताव भी पारित किया, जिसमें कहा गया कि गुरुओं के मूल सिद्धांतों और पवित्र गुरबानी के सही अर्थ की कभी-कभी राजनीतिक हस्तियों द्वारा गलत व्याख्या की गई, जिससे सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुँची। सिख संस्था ने कहा कि राहुल गाँधी ने गुरु नानक की तस्वीर को अभय मुद्रा से जोड़ा, जो एकदम गलत है।

पारित किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि गुरु नानक देव जी ने ऐसी किसी भी मुद्रा या आसन को मान्यता नहीं दी है। इसमें कहा गया है कि गुरु नानक ने ऐसी किसी भी चीज से अलग ‘अकाल पुरख’ से जुड़ने की शिक्षा दी है। साथ ही SGPC ने लोकसभा एवं राज्यसभा के स्पीकरों से निवेदन किया कि किसी भी धर्म को ठेस पहुँचाई जाने वाली बातें संसद में नहीं की जानी चाहिए। राहुल गाँधी, जो सिख धर्म से भी कॉन्ग्रेस के चुनाव चिह्न को जोड़ रहे हैं, उन्हें इस बयान से झटका लग्न तय है।

राहुल गाँधी ने संसद में भगवान शिव की भी तस्वीर दिखाई थी और दावा किया था कि वो अपनी त्रिशूल को जमीन में गाड़ देते हैं और अभय मुद्रा में अपना हाथ आगे रखते हैं। साथ ही उन्होंने इस्लाम में दुआ पढ़े जाने को भी इससे जोड़ा था। राहुल गाँधी ने येशु मसीह और गुरु नानक की भी तस्वीरें लहराई थीं। मुस्लिम विद्वान पहले ही उन्हें लताड़ते हुए कह चुके हैं कि इस्लाम का अभय मुद्रा से कोई लेना-देना नहीं है। अब यही बातें कर के कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गुजरात में भाजपा को हराने की बातें कर रहे हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कंगना रनौत, केतकी चिताले, सुनैना होले… ने जो झेला उसके तो कुणाल कामरा ने अभी दर्शन भी नहीं किए, फिर भी फट गई लिबरलो...

सबसे अधिक दोगलापन तो कुणाल कामरा का ही विक्टिम कार्ड खेलना होगा। आज बोलने की आजादी पर रोने वाला कुणाल कामरा कंगना रनौत का दफ्तर BMC द्वारा गिराए जाने पर अट्टाहास कर रहा था।

राजा का स्वप्न, विद्यापति-ललिता का प्रेम, विश्ववासु की आराधना… नील माधव ही हैं भगवान जगन्नाथ, जानिए कांतिलो के उस मंदिर की कथा जहाँ राष्ट्रपति...

मंदिर के गर्भगृह में भगवान नीलमाधव की मूर्ति के सामने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू श्रद्धा से नतमस्तक हुईं और करीब आधे घंटे पूजा में लीन रहीं।
- विज्ञापन -