दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम क्या आए, कॉन्ग्रेस पार्टी का तो सूपड़ा ही साफ़ हो गया। 70 में से कुल 67 सीटों पर कॉन्ग्रेस उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। चाँदनी चौक से अलका लाम्बा 4000 वोटों के लिए भी तरस गईं और उन्हें मात्र 5% वोटों से संतोष करना पड़ा। वहीं गाँधी नगर से लड़ रहे दिल्ली कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली को 21,913 वोट मिले। इन दोनों ही नेताओं को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। आम आदमी पार्टी और भाजपा के मुकाबले में कॉन्ग्रेस कहीं नहीं ठहरी।
पार्टी की बुरी हार के बावजूद कॉन्ग्रेस नेता ख़ुश नज़र आ रहे हैं। पी चिदंबरम और अधीर रंजन सरीखे नेताओं ने सीएम केजरीवाल की तारीफों के पुल बाँधे। चिदंबरम ने कहा कि आप की जीत हुई, बेवकूफ बनाने तथा फेंकने वालों की हार। उन्होंने केजरीवाल की जीत को ध्रुवीकरण, विभाजनकारी और खतरनाक एजेंडे की हार बताया। बकौल चिदंबरम, दिल्ली की जनता ने 2021 और 2022 में अन्य राज्यों जहाँ चुनाव होंगे, वहाँ के लिए मिसाल पेश की है। उन्होंने दिल्ली की जनता को सलाम किया।
कॉन्ग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी को चिदंबरम की ये बातें पसंद नहीं आईं। कॉन्ग्रेस अपनी बुरी हार के बावजूद ख़ुश हो रही है, ये उन्हें नागवार गुजरा। उन्होंने पूर्व केन्दीय गृह मंत्री पी चिदंबरम से पूछ डाला कि क्या भाजपा ने क्षेत्रीय दलों को भाजपा को हराने का ठेका दे दिया है? उन्होंने पूछा कि वो इस सम्बन्ध में जानकारी चाहती हैं। शर्मिष्ठा ने कहा:
“अगर कॉन्ग्रेस ने क्षेत्रीय दलों को भाजपा को हराने का ठेका नहीं दिया है, तो फिर हम आम आदमी पार्टी की जीत पर ख़ुश क्यों हो रहे हैं? हमारी बुरी हार हुई है, उसे लेकर हम चिंतित क्यों नहीं हो रहे हैं? अगर कॉन्ग्रेस ने स्थानीय पार्टियों को भाजपा को हराने का ठेका दे दिया है, फिर हमें अपनी दुकान बंद कर देनी चाहिए। भाजपा विभाजनकारी राजनीति से काम कर रही है, केजरीवाल स्मार्ट पॉलिटिक्स खेल रहे हैं। हम क्या कर रहे हैं? हमारे नेताओं को अपने इको चैम्बरों से बाहर निकलना पड़ेगा। अब आत्ममंथन का समय गया। एक्शन का समय है। “
With due respect sir, just want to know- has @INCIndia outsourced the task of defeating BJP to state parties? If not, then why r we gloating over AAP victory rather than being concerned abt our drubbing? And if ‘yes’, then we (PCCs) might as well close shop! https://t.co/Zw3KJIfsRx
— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) February 11, 2020
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा दिल्ली महिला कॉन्ग्रेस की अध्यक्ष भी हैं। बता दें कि इस चुनाव में कॉन्ग्रेस का वोट शेयर मात्र 4.26% रह गया है। पार्टी के नेता आपस में लड़ते रहे और चुनाव की तैयारी भी नहीं की। कीर्ति झा आज़ाद और सुभाष चोपड़ा जैसों को चेहरा बनाया गया लेकिन वो निष्क्रिय रहे। लेकिन, फिर भी पार्टी नेता ख़ुश हो रहे हैं क्योंकि भाजपा की हार हुई है। भाजपा 38.51% वोट शेयर के साथ अभी भी राज्य में मजबूत पार्टी बनी हुई है।