कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर ने अपने एक ट्वीट को लेकर माफी माँग ली है। यह ट्वीट उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बांग्लादेश दौरे के दौरान दिए गए एक भाषण को लेकर किया था। ट्वीट में उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता में पूर्व पीएम इंदिरा गाँधी के योगदान को स्वीकार नहीं किया।
गलत सूचना फैलाने को लेकर हुई छीछालेदर के बाद थरूर ने एक और ट्वीट कर अपनी गलती मानी। उन्होंने लिखा, “जब मैं गलत होता हूँ तो उसे स्वीकार करने में मुझे बुरा नहीं लगता। कल, त्वरित खबरों की हेडलाइंस और ट्वीट्स के आधार पर मैंने ट्वीट किया था कि हर कोई जानता है कि बांग्लादेश को किसने आजादी दिलाई थी। इसका अर्थ यह था कि नरेंद्र मोदी ने इंदिरा गाँधी के योगदान को स्वीकार नहीं किया था। लेकिन, उन्होंने इसका जिक्र किया था। सॉरी!”
I don’t mind admitting when I’m wrong. Yesterday, on the basis of a quick reading of headlines &tweets, I tweeted “everyone knows who liberated Bangladesh,” implying that @narendramodi had omitted to acknowledge IndiraGandhi. It turns out he did: https://t.co/YE5DMRzSB0 Sorry!
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) March 27, 2021
थरूर ने अपने ट्वीट में एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी को कोट किया, जिसमें बांग्लादेश की स्वतंत्रता में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की भूमिका की उन्होंने सराहना की थी। इससे पहले शुक्रवार को थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर टिप्पणी करते हुए ट्वीट किया था, “अंतरराष्ट्रीय ज्ञान: हमारे प्रधानमंत्री बांग्लादेश को भारतीय ‘फर्जी खबर’ का स्वाद चखा रहे हैं। हर कोई जानता है कि बांग्लादेश को किसने आजाद कराया।”
International education: our PM is giving Bangladesh a taste of Indian “fake news”. The absurdity is that everyone knows who liberated Bangladesh. https://t.co/ijjDRbszVd
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) March 26, 2021
थरूर ने गलत सूचनाएँ फैलाने और प्रोपेगेंडा के सरताज NDTV का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि पीएम मोदी ने बांग्लादेश के लिए स्वतंत्रता संग्राम में पूर्व पीएम इंदिरा गाँधी के योगदान को स्वीकार नहीं किया था।
प्रधानमंत्री ने भाषण में क्या कहा था
ढाका के नेशनल परेड ग्राउंड में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की मुक्ति युद्ध के नायकों को नमन करते हुए अपनी बात रखी थी। बांग्लादेश की आजादी को लेकर भारतीयों की भूमिका का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा था, “मेरी उम्र 20-22 साल रही होगी जब मैंने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था। बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष में शामिल होना, मेरे जीवन के भी पहले आंदोलनों में से एक था।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि आज बंगबंधु के योगदान को याद करने का दिन है। बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के लिए भारत के कोने-कोने से समाज के हर वर्ग ने समर्थन दिया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के प्रयास और उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को पूरी दुनिया जानती है। उसी दौर में छह दिसंबर 1971 को अटल बिहारी वाजपेयी जी ने कहा था कि हम इतिहास को नई दिशा देने की कोशिश कर रहे हैं।