अन्नाद्रमुक (AIADMK) से निष्कासित नेता शशिकला जेल में पूरी ठाठ-बाट की ज़िन्दगी जी रही थी। ख़बरों के अनुसार उन्हें जेल में स्पेशल ट्रीटमेंट दी जा रही थी। कभी तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की क़रीबी रही शशिकला अभी भ्रष्टाचार के आरोप में जेल की सज़ा काट रही है। RTI से इस बात का ख़ुलासा हुआ है कि शशिकला को जेल में वो सारी सुविधाएँ मिल रही थी जो उन्हें उनके निजी बंगले पर मिलती।
बेंगलुरु जेल में बंद शशिकला जेल का खाना तक नहीं खाती। ख़ुलासे के मुताबिक़ उनके लिए जेल में अलग से एक रसोइये की व्यवस्था की गई थी जो उनके खाने का सारा इंतज़ाम करता था। इतना ही नहीं, सज़ायाफ़्ता शशिकला की कई बड़े अधिकारियों से मिलीभगत है, जिस कारण प्रशासन के अंदर का कोई व्यक्ति इन गड़बड़ियों के ख़िलाफ़ बोलने का साहस नहीं जुटा पाता।
जुलाई 2017 में कर्नाटक की IPS अधिकारी डी रूपा ने तत्कालीन पुलिस महानिदेशक को एक रिपोर्ट सौंपी थी जिसमे शशिकला को जेल में ख़ास ट्रीटमेंट मिलने की बात बताई गई थी। इस रिपोर्ट से प्रशासनिक गलियारों में खलबली मच गई थी क्योंकि इसमें कहा गया था कि ख़ुद को मिलने वाली सुविधाओं के बदले शशिकला ने जेल अधिकारीयों को ₹2 करोड़ की रिश्वत खिलाई है। इसके बाद रूपा के आरोपों को सरकारी महक़मे ने ख़ारिज़ कर दिया था और उनका तबादला ट्रैफ़िक विभाग में कर दिया गया था।
सरकार ने रूपा के ख़ुलासों की जाँच का ज़िम्मा रिटायर्ड IAS अधिकारी विनय कुमार को सौंपी थी। पता चला है कि शशिकला के अलावे जेल में बंद उनके अन्य सहयोगियों को भी रहने के लिए अलग कमरे दिए गए थे। सीएनएन न्यूज़ 18 के पास मौज़ूद जाँच कॉपी में लिखा गया है:
“15 जुलाई 2017 को जब उस वक्त की डीआईजी जेल पहुँची तो उन्होंने देखा कि शशिकला और उसके साथी इलावरसी के लिए जेल के एक हिस्से को घेर दिया गया था। जेल की पाँच सेल पर इन दोनों का कब्ज़ा था और इनके सारे सामान चारों तरफ बिखरे पड़े थे।”
जेल में शशिकला के लिए अलग बर्तनों तक की भी व्यवस्था की गई थी। विनय कुमार की जाँच रिपोर्ट के अनुसार शशिकला से मिलने आने-जाने वाले लोगो के लिए कोई मनाही नहीं थी। नियमानुसार एक सज़ायाफ़्ता कैदी को महीने में दो बार ही किसी बाहरी व्यक्ति से मिलने की इजाज़त दी जा सकती है लेकिन शशिकला के मामले में इस नियम को ताक पर रख दिया गया। नियमतः मुलाक़ात की अवधि भी 45 मिनट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए लेकिन शशिकला ने लोगों से 4 घंटे तक मुलाक़ात की।
RTI activist Narasimha Murthy: There’s no provision for cooking food in prison but jail authorities deputed one convict to cook for Sasikala. In her case, system was ignored. People used to come in groups, go to her room directly & stay for 3-4 hrs. There was violation of rules. https://t.co/jYjeRbMyOj
— ANI (@ANI) January 20, 2019
RTI कार्यकर्ता नरसिम्हा मूर्ति ने कहा कि वो चाहते हैं कि सरकार दोषियों के ख़िलाफ़ जल्द से जल्द कारवाई करे। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद IPS अधिकारी डी रूपा ने भी खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि अगर जेल में किसी को VIP ट्रीटमेंट मिलता है तो इस से अन्य कैदियों में गलत सन्देश जाता है। इस से उनके अंदर ये भावना आ जाती है है कि पैसे से सबकुछ ख़रीदा जा सकता है और सिस्टम को अपने हिसाब से नचाया जा सकता है।
बता दें कि शशिकला पिछले दो वर्षों से जेल में है। जयललिता की मृत्यु के बाद पार्टी पर उन्होंने पकड़ बनानी शुरु ही किया था तब तक उनके ख़िलाफ़ अदालत का फ़ैसला आ गया था। इसके बाद AIADMK में गुटबाज़ी का दौर शुरू हो गया था और तमिलनाडु की राजनीति उथलपुथल के दौर से गुज़र रही थी। शशिकला पर अदालत ने ₹10 करोड़ का जुर्माना भी लगाया था।