साल 2018 में किसानों की कर्जमाफी को बड़ा मुद्दा बनाकर सत्ता में आने वाली मध्य प्रदेश की पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार के ख़िलाफ़ शिवराज सिंह चौहान की सरकार एक्शन में आ गई है। ताजा सूचना के अनुसार, शिवराज सिंह सरकार ने पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार की कर्जमाफी योजना की समीक्षा करने का फैसला किया है। इसकी जानकारी प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने दी है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए दो टूक कहा है कि कॉन्ग्रेस सरकार ने कर्ज माफी के नाम पर किसानों के साथ धोखा किया। इसलिए वे अब किसानों से कहेंगे कि कमलनाथ सरकार पर केस दर्ज कराएँ।
एनडीटीवी की खबर के अनुसार पटेल ने उन्हें बताया, “कमलनाथ के नेतृत्व वाली कॉन्ग्रेस सरकार ने कर्ज माफी के नाम पर किसानों के साथ धोखा किया था। हम किसानों से कमलनाथ और कॉन्ग्रेस सरकार पर केस दर्ज कराने के लिए कहेंगे। किसान केस दर्ज कराएँ, सरकार केस दर्ज करेगी।”
मध्यप्रदेश: कमलनाथ की कर्ज माफी योजना की समीक्षा करेगी शिवराज सरकार, किसानों से केस दर्ज कराने को कहा https://t.co/tXpThIv9J2 pic.twitter.com/kDGTI1XxdL
— Pmwebsolution (@Pmwebsolution3) April 28, 2020
इसके अतिरिक्त उन्होंने ये भी कहा कि हम कर्ज माफी की समीक्षा करेंगे, हमने कृषि क्षेत्र और खरीद प्रक्रिया में गोदाम और परिवहन से संबंधित भ्रष्टाचार की जाँच शुरू कर दी है।
बता दें, एक ओर जहाँ मध्यप्रदेश में दोबारा सत्ता की कमान सँभालने के बाद शिवराज सरकार कॉन्ग्रेस के कार्यों की समीक्षा में जुटी है। वहीं कॉन्ग्रेस पार्टी को भाजपा सरकार का ये फैसला पसंद नहीं आया। जैसे ही पटेल ने समीक्षा संबंधी बयान दिया, तो कॉन्ग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके जीतू पटवारी ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यदि किसानों की कर्ज माफी योजना को शिवराज सरकार बंद करेगी तो किसान सड़क पर उतरेंगे।
उल्लेखनीय है कि साल 2018 में विधानसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस ने किसानों को कर्जमाफी का लालच देकर सत्ता हथियाई थी। उस समय चुनावों से पहले राहुल गाँधी ने ऐलान किया था कि चुनाव जीतने के मात्र दस दिन में वे कर्ज माफ कर देंगे। उस समय उन्होंने ये भी कहा था कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे राज्य में सीएम बदलने से भी नहीं हिचकेंगे। मगर, जब सरकार बनी तो कॉन्ग्रेस अपने वादे पर खरी नहीं उतर पाई और न ही उन्होंने अपने कहे अनुसार सीएम बदला। जिसके कारण कुछ ही दिनों में मध्यप्रदेश की जनता कमलनाथ सरकार से तंग आ गई। इसके बाद सोशल मीडिया पर शिवराज सिंह चौहान के लौटने की माँग उठने लगी और परिस्थितियाँ ऐसी बनीं कि इस वर्ष 23 मार्च को एक बार फिर से राज्य में शिवराज सरकार लौट आई।