उत्तराखंड में ‘समान नागरिक संहिता (UCC)’ के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा। बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली भाजपा की सरकार विधानसभा का विशेष सत्र में UCC का बिल पारित कराएगी। अगर ये पास हो गया तो उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बन जाएगा जहाँ UCC लागू होगा। लोगों की सलाह लेकर और इस पर विचार-विमर्श कर के ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। रिटायर्ड जज रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में ये समिति बनाई गई थी।
शादी, तलाक, उत्तराधिकार और गोद लेने के मामलों में क्या नियम-कानून होंगे, ये सब इसी कानून के हिसाब से तय होगा। इस ड्राफ्ट में इस संबंध में सुझाव दिए गए हैं। कहा जा रहा है कि दीपावली के बाद ये विशेष सत्र बुलाया जाएगा। रिपोर्ट के अध्ययन के लिए समय लेने के बाद ये विशेष सत्र बुलाया जाएगा। सदन में इस पर चर्चा के बाद इसे पारित कराया जाएगा, फिर राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद ये कानून बन जाएगा। हाल ही में उत्तराखंड के 23वें स्थापना दिवस पर भी सीएम धामी ने इस तरफ इशारा किया था।
उन्होंने जानकारी दी थी कि UCC का ड्राफ्ट लगभग तैयार है। उत्तराखंड की तरह ही गुजरात में भी समान नागरिक संहिता लाए जाने की तैयारी चल रही है। इधर 2022 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने UCC लाए जाने का वादा किया था। एक ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आम जनता के भी सुझाव माँगे गए थे। अन्य देशों के ऐसे कानूनों का भी अध्ययन किया गया। उत्तराखंड के नए कानूनों में पारिवारिक संपत्ति में महिलाओं के हिस्से से लेकर लैंगिक समानता पर भी जोर होगा।
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— Zee News (@ZeeNews) November 11, 2023
‘इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर की मानें तो इस ड्राफ्ट में लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने का प्रावधान नहीं है। समिति ने 18 की उम्र रखने की ही वकालत की है। संपत्ति अधिकार से लेकर बच्चों तक के मामले में सभी धर्मों/मजहबों के लिए समान कानून लागू होगा। हालाँकि, ये विवाह के रस्मों या फिर अन्य रीति-रिवाजों में हस्तक्षेप नहीं करेगा। उत्तराखंड के इस कानून के आधार पर देश में भी UCC को लागू करने की प्रक्रिया शुरू होगी।