सरकारी स्कूलों में लड़कियों के साथ होने वाली छेड़छाड़ पर विराम लगाने के लिए राजस्थान सरकार ने एक अजीबोगरीब उपाय खोजा है। राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने शुक्रवार (18 अक्टूबर) को घोषणा करते हुए कहा कि लड़कियों के सरकारी स्कूल में 50 साल से कम उम्र के पुरुष शिक्षक नहीं पढ़ाएँगे। पुरुष शिक्षकों की जगह पर महिला शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।
राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने कहा, “शिक्षक संगठनों और शिक्षकों से बातचीत करने के बाद हम एक रोडमैप तैयार तैयार करेंगे और नीति बनाएँगे, जिससे अधिक से अधिक महिला टीचर्स की नियुक्ति हो सके। महिला शिक्षकों के होने से लड़कियाँ उनसे अपनी माँ और बहन की तरह की अपनी समस्याएँ साझा कर सकेंगी और उन्हें कोई समस्या नहीं होगी।”
Rajasthan state education minister, Govind Singh Dotasra: After talking to teachers orgs and teachers, we will prepare a road-map and formulate a policy to appoint more and more female teachers at girls schools, so that no problem arises for the girls students in the time to come https://t.co/6ohjDhurKp
— ANI (@ANI) October 19, 2019
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि सभी गर्ल्स स्कूलों में महिला टीचर्स को प्राथमिकता दी जाएगी, वहीं 50 वर्ष की उम्र से अधिक के पुरुष टीचर्स को आवश्यकता के आधार पर नियुक्त किया जाएगा।
राज्य सरकार के इस फ़ैसले को कई लोगों ने अपरिपक्व और बचकाना बताया है। बाद में शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने यह भी कहा कि यह फ़ैसला तभी लागू होगा, जब हमारे पास पर्याप्त संख्या में महिला शिक्षक मौजूद रहेंगी। ख़बरों के अनुसार, संभवत: हाल ही में कुछ पुरुष शिक्षकों द्वारा लड़कियों के यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद शिक्षा मंत्री द्वारा यह फैसला लिया गया है।
राजस्थान सरकार द्वारा जारी शिक्षा रिपोर्ट 2018-19 के अनुसार, राज्य में सिर्फ़ 1,109 गर्ल्स स्कूल हैं, जबकि शेष 68,910 स्कूलों में लड़के-लड़कियाँ एक साथ पढ़ते हैं। 3.82 लाख टीचर्स की संख्या में पुरुष और महिला टीचर्स का अनुपात 2:1 है। इसका मतलब यह हुआ कि 69,929 स्कूलो में ही महिला टीचर्स मौजूद हैं। ऐसे में शिक्षा मंत्री के बयान में विरोधाभास नज़र आ रहा है।