उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को अवमानना नोटिस जारी किया है। ममता बनर्जी का मीम पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार भाजपा कार्यकर्ता प्रियंका शर्मा की रिहाई में देरी को लेकर दायर अवमानना याचिका पर सोमवार (जुलाई 1, 2019) को यह नोटिस जारी किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से पूछा है कि मई में उसके आदेश के तुरंत बाद प्रियंका शर्मा को रिहा क्यों नहीं किया गया? प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने प्रियंका शर्मा के भाई राजीब शर्मा द्वारा दायर अवमानना याचिका पर राज्य सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया है।
Supreme Court issues notice to West Bengal Govt on a contempt plea filed by brother of BJP Youth Wing Convenor Priyanka Sharma who was arrested for sharing a meme of Mamata Banerjee, alleging despite SC’s orders for her immediate release, she wasn’t released by police immediately pic.twitter.com/BPsQENPj5i
— ANI (@ANI) July 1, 2019
कोर्ट ने सरकार को अपना जवाब दाखिल करने के लिए 4 सप्ताह का वक्त दिया है। भाजपा युवा मोर्चा की नेता प्रियंका शर्मा ने मई में फेसबुक पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से संबंधित एक मीम पोस्ट किया था। इसके बाद प्रियंका को 10 मई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 500 और सूचना एवं प्रौद्योगिकी कानून के प्रावधानों के आरोपों में मामला दर्ज किया गया था।
यह गिरफ्तारी तृणमूल कॉन्ग्रेस के स्थानीय नेता की शिकायत पर हुई थी। शीर्ष अदालत की अवकाश पीठ ने 14 मई को प्रियंका शर्मा को तत्काल जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने पहले माफी माँगने की शर्त पर बेल देने की बात कही थी, लेकिन बाद में स्पष्ट किया कि जमानत के लिए ऐसी कोई शर्त नहीं है। प्रियंका शर्मा के भाई राजीब शर्मा ने न्यायालय में दायर याचिका में आरोप लगाया कि 14 मई के आदेश के बावजूद उनकी बहन की जेल से रिहाई में 24 घंटे से ज्यादा की देरी की गई।