कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी की याचिका पर शुक्रवार (21 जुलाई 2023) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। फिलहाल उन्हें शीर्ष अदालत से राहत नहीं मिली है। अदालत ने गुजरात सरकार और बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी को नोटिस जारी कर जवाब माँगा है। अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी। राहुल गाँधी ने अपनी याचिका में गुजरात हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें आपराधिक मानहानि के मामले में उनके खिलाफ सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया था।
याचिका पर सुनवाई जस्टिस बीआर गवई और प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने की। जस्टिस गवई ने पने अपने पिता और भाई के कॉन्ग्रेस पार्टी से जुड़ाव का हवाला देते हुए सुनवाई से अलग होने की पेशकश भी की। लेकिन दोनों पक्षों ने उनके इस पारिवारिक जुड़ाव को लेकर कोई आपत्ति जाहिर नहीं की। इसके बाद पीठ ने मामले की सुनवाई आगे बढ़ाई।
राहुल गाँधी की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें रखी। उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी की सांसदी गए 100 से अधिक दिन हो चुके हैं। वायनाड लोकसभा क्षेत्र में उपचुनाव की घोषणा भी जल्द हो सकती है। इसलिए उन्होंने सुनवाई की अगली तारीख जल्द से जल्द रखने की माँग की। पीठ ने गुजरात सरकार और राहुल गाँधी पर केस करने वाले बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी को नोटिस जारी कर 10 दिन के भीतर जवाब देने को कहा है।
Supreme Court issues notice to Gujarat Government and others on the plea of Congress leader Rahul Gandhi challenging the Gujarat High Court order which declined to stay his conviction in the criminal defamation case in which he was sentenced to two years in jail by Surat court…
— ANI (@ANI) July 21, 2023
गौरतलब है कि राहुल गाँधी ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कर्नाटक के एक भाषण में कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। गुजरात से भारतीय जनता पार्टी के विधायक पूर्णेश मोदी ने इसे पूरे समाज का अपमान बता कर सूरत की मेट्रोपोलिटन कोर्ट में राहुल गाँधी के खिलाफ मानहानि का आपराधिक केस दर्ज करवाया था। 23 मार्च 2023 को सूरत के मेट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रेस्ट ने राहुल गाँधी को दोषी ठहराते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। सजा सुनाए जाने के दौरान राहुल गाँधी केरल में वायनाड से सांसद थे। सजा के बाद नियमानुसार उनकी संसद सदस्यता समाप्त हो गई थी। 20 अप्रैल को मजिस्ट्रेट अदालत ने भी सजा निलंबित करने की राहुल गाँधी की याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद हाई कोर्ट ने भी सजा बरकरार रखी थी।
हाई कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद राहुल गाँधी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। राहुल की दलील है कि अगर उन्हें राहत प्रदान नहीं की जाती है तो वे अपने करियर के 8 साल गँवा देंगे। 2 साल या उससे अधिक की सज़ा होने पर सज़ा की अवधि और उसके बाद 6 वर्ष तक कोई व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता।