केरल में पिछले साल दो कॉन्ग्रेसी नेताओं की निर्मम हत्या कर दी गई थी। कॉन्ग्रेस ने इन हत्याओं के लिए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) के कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराते हुए सीबीआई जाँच की माँग की थी। वहीं अब इस माँग को सुप्रीम कोर्ट की भी अनुमति मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला केरल की पिनराई विजयन सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, मृतक के परिजन और पार्टी कार्यकर्ताओं की माँग को देखते हुए हाइकोर्ट ने मामले में सीबीआई जाँच के आदेश दिए थे। जिसके बाद राज्य सरकार ने हाइकोर्ट के इस फैसले को नामंजूर करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और आदेश को चुनौती दी थी।
दरअसल पीड़ित परिजनों और कॉन्ग्रेस ने पुलिस पर आरोपितों से मिले होने का गंभीर आरोप लगाया था। साथ ही पुलिस द्वारा मुख्य आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं करने पर नाराजगी भी जताई थी। परिजनों का आरोप था कि हत्याकांड की साजिश कासरगोड के माकपा नेता ने रची थी और इस वजह से राज्य सरकार और पुलिस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। जिसके बाद मामले में सीबीआई जाँच की अपील की गई थी।
हालाँकि शीर्ष अदालत की खंडपीठ ने भी एकल पीठ के सीबीआइ जाँच के आदेश को बरकरार रखा। इस फैसले के कारण विजयन सरकार सवालों के घेरे में आ गई है। कोर्ट के फैसले को चुनौती देते ही विपक्षी दलों ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए हमलावर हो गई थी। हत्या के बाद राज्य सरकार के रवैए को देखते हुए अब भी केरल में अन्य पार्टी दल सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते रहते हैं।
गौरतलब है कि केरल के कासरगोड में पिछले साल 17 फरवरी को युवा कॉन्ग्रेस के दो कार्यकर्ता कृपेश और शारथ लाल की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। हत्या के पीछे स्थानीय माकपा नेता पीथांबरन मुख्य आरोपित है।