गुजरात के सूरत की सेशन कोर्ट ने गुरुवार (20 अप्रैल 2023) को मानहानि मामले में काॅन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) की याचिका खारिज करते हुए उनकी दो साल की सजा बरकरार रखी। इस फैसले के बाद कॉन्ग्रेसी और वामपंथी, कोर्ट के जज और सत्र अदालत के ऊपर बिदक गए। सोशल मीडिया पर उन्हें अपशब्द कहे जाने लगे। जज को जहाँ गुजरात लॉबी का सदस्य बताया गया। वहीं गुजरात कोर्ट को भी ‘भ्रष्ट’ कहा गया।
वामपंथी पत्रकार सबा नकवी ने इस फैसले को ‘बेतुका’ बताया और कोर्ट को ‘भ्रष्ट’ कहा।
Both ridiculous and vicious at the same time. https://t.co/02KtHI9eb8
— Saba Naqvi (@_sabanaqvi) April 20, 2023
वामपंथी मीडिया गिरोह के तथाकथित पत्रकार विनोद कापड़ी ने अपने ट्विटर हैंडल पर तंज कसते हुए लिखा, “सूरत जज जिंदाबाद!”
#SuratJudge Zindabad ! pic.twitter.com/OmuzIoTBKg
— Vinod Kapri (@vinodkapri) April 20, 2023
गुजरात काॅन्ग्रेस ने जज को अमित शाह का चेला बताते हुए लिखा, “सूरत कोर्ट ने राहुल गाँधी की अर्जी को खारिज कर दिया है। ये तो होना ही था, अमित शाह के चेले ने जो फैसला सुनाया है।”
सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी की अर्ज़ी को ख़ारिज कर दिया है,
— Gujarat Congress (@INCGujarat) April 20, 2023
ये तो होना ही था, अमित शाह के चेले ने फैसला सुनाया है#RahilGandhi #Daromat pic.twitter.com/oLMQ17Ng4h
काॅन्ग्रेस समर्थक भविका कपूर अपनी भड़ास निकालते हुए लिखती हैं, “जज = तड़ीपार का पूर्व वकील।”
Judge = Tadipar's ex lawyer 🤧 https://t.co/BACCVz0Tqp
— Bhavika Kapoor ✋ (@BhavikaKapoor5) April 20, 2023
महाराष्ट्र काॅन्ग्रेस के सोशल मीडिया इंचार्ज नितिन अग्रवाल ने लिखा, “आप क्रोनोलॉजी समझिए। जज रॉबिन मोगेरा, जिन्होंने आज राहुल गाँधी की अर्जी खारिज की है, वो कथित फेक एनकाउंटकर मामले में अमित शाह की पैरवी कर चुके है।”
आप क्रोनोलॉजी समझिये,
— Nitin Agarwal (@nitinagarwalINC) April 20, 2023
जज रॉबिन मोगेरा, जिन्होंने आज श्री @RahulGandhi की अर्जी ख़ारिज की है,
वो कथित फेक एनकाउंटकर मामले में अमित शाह की पैरवी कर चुके है । मोगेरा 2017 में जिला जज बने।
इसी तरह स्वाति चतुर्वेदी ने कहा कि उन्हें फैसला सुनकर बिलकुल हैरानी नहीं हुई। रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने कहा, ” जी मिलार्ड आप तो खरबूज निकले।” वहीं पत्रकार दीपक शर्मा ने कहा, “एक शब्द के फैसले में अदालत ने कहा- डिसमिस्ड। गुजरात लॉबी का गुजरात में असर गजब है।”
हर रोज़ एक नया ज़ख़्म ! 😭😂 pic.twitter.com/e1HaIz8ZsZ
— Mohit Babu 🇮🇳 (@Mohit_ksr) April 20, 2023
जज को कॉन्ग्रेसियों ने क्यों बनाया निशाना
बता दें कि राहुल गाँधी ने सूरत की सेशन कोर्ट में मानहानि मामले में 2 साल की सजा पर रोक की गुहार लगाते हुए याचिका दाखिल की थी, जिसे खारिज कर दिया गया है। यह फैसला जज रॉबिन मोगेरा ने सुनाया है। वह कभी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का मुकदमा लड़ चुके हैं। उन्होंने 2006 के तुलसीराम प्रजापति फेक एनकाउंटर केस को लड़ा था। उस वक्त अमित शाह गुजरात के गृहमंत्री हुआ करते थे।
मोगेरा ने 2014 तक शाह का केस लड़ा, जब इसकी सुनवाई मुंबई में सीबीआई अदालत में चल रही थी। उन्हें 2018 में बतौर जज नियुक्त किया गया था। अब वह गुजरात के सूरत सेशन कोर्ट में जज हैं। राहुल की सजा बरकरार रखने का फैसला सुनाने के बाद से काॅन्ग्रेस और उसके समर्थक जज और कोर्ट पर हमला कर रहे हैं।
क्यों हो रहा राहुल गाँधी पर केस
उल्लेखनीय है कि राहुल ने 2019 में कर्नाटक की एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था, “सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है।” इसके बाद बीजेपी नेता पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ केस दर्ज कराया था। सूरत की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इसी साल 23 मार्च को काॅन्ग्रेस नेता को इस मामले में 2 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी लोकसभा सदस्यता भी चली गई थी। ताजा फैसले में भी उनकी संसद सदस्यता बहाल नहीं हुई। अब इस मामले में राहत के लिए उन्हें हाईकोर्ट जाना होगा।