Thursday, April 18, 2024
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अपनी ‘दीदी’ स्मृति ईरानी की राह पर चले बग्गा, हारने के बावजूद निभाएँगे क्षेत्र की बच्चियों से किया वादा

तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने कहा- भले ही वो हार गए हों, वो अपने क्षेत्र की जनता से किया गया वादा व्यक्तिगत रूप से पूरा करेंगे। अब देखना होगा कि अपनी 'दीदी' स्मृति की राह पर चलने वाले बग्गा के इस क़दम का जनता पर क्या असर होता है।

भाजपा के समर्थक हमेशा कहते हैं कि उनकी पार्टी ‘Party With Difference’ और इसके लिए वो तरह-तरह की दलीलें भी देते हैं। जैसे आम आदमी पार्टी ने चीजें मुफ्त कर दी लेकिन भाजपा ने कभी इस मुद्दे पर चुनाव नहीं लड़ा क्योंकि अन्य राज्यों में ये संभव नहीं है। भाजपा ने राष्ट्रवाद के मुद्दे को नहीं छोड़ा और दुष्प्रचार के बावजूद सीएए, एनआरसी, तीन तलाक़, अनुच्छेद 370 और राम मंदिर पर अपने स्टैंड पर कायम रही। ये सभी चीजें मैनिफेस्टो में थीं और पार्टी ने पूरा किया। तेजिंदर पाल सिंह बग्गा अपनी पार्टी की इसी विचारधारा के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता तेजिंदर सिंह बग्गा को पार्टी ने हरि नगर विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा था। उन्होंने अपने क्षेत्र के लिए अलग से मैनिफेस्टो जारी किया था, कई वादे किए थे। हालाँकि, तेजिंदर सिंह बग्गा जीत नहीं पाए। उन्हें आम आदमी पार्टी के राजकुमारी ढिल्लों ने 20,220 वोटों से मात दे दी। AAP उम्मीदवार ढिल्लों को जहाँ 57,892 मत मिले, बग्गा को 37,672 वोटों से संतोष करना पड़ा। अन्य सीटों की तरह ही यहाँ भी कॉन्ग्रेस की जमानत जब्त हो गई।

राजकुमारी को 53.67% वोट मिले, वहीं तेजिंदर को 35.07% वोट प्राप्त हुए। दोनों के बीच मतों का अंतर 18.6% का रहा। ट्विटर पर विरोधियों ने बग्गा को ट्रोल करना शुरू कर दिया। उनका मजाक बनाया जाने लगा। लोकतंत्र में जीत-हार होती रहती है लेकिन तेजिंदर सिंह बग्गा को जबरदस्ती व्यक्तिगत रूप से निशाना बनाया जाए। वो समय-समय पर देश के सशस्त्र बलों के लिए धनराशि दान करते रहते हैं लेकिन उन्हें इसके लिए भी विरोधी निशाना बनाते हैं।

इसी बीच उन्होंने एक ऐसा फ़ैसला लिया, जिससे केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की यादें ताज़ा हो जाती हैं। उन्हें 2014 लोकसभा चुनाव में अमेठी में हार मिली थी लेकिन उन्होंने ज़मीन पर ऐसा काम किया कि तत्कालीन कॉन्ग्रेस अध्यक्ष को 2019 में पटखनी देकर ‘The Giant Slayer’ का खिताब पाया। इसी तरह बग्गा ने भी वादा किया था कि अगर वो चुनाव जीत जाते हैं तो लड़कियों के लिए ‘सेल्फ डिफेंस कोचिंग सेंटर’ की स्थापना करेंगे। दिल्ली में महिलाओं के ख़िलाफ़ होने वाले अपराधों को देखते हुए ये एक बेहतर क़दम है।

अब जब तेजिंदर पाल सिंह बग्गा चुनाव हार गए हैं, फिर भी उन्होंने अपना वादा पूरा करने की ओर क़दम बढ़ा दिए हैं। उन्होंने कहा कि वो बच्चियों से किया वादा पूरा करेंगे और हरि नगर में उनके लिए ‘आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देने वाला कोचिंग सेंटर’ खुलेगा। उन्होंने कहा कि भले ही वो हार गए हों, वो अपने क्षेत्र की जनता से किया गया वादा व्यक्तिगत रूप से पूरा करेंगे। अब देखना होगा कि अपनी ‘दीदी’ स्मृति की राह पर चलने वाले बग्गा के इस क़दम का जनता पर क्या असर होता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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