बांग्लादेश की जानी-मानी लेखिका और एक्टिविस्ट तस्लीमा नसरीन के खिलाफ शिकायत दर्ज किया गया है। यह शिकायत कॉन्ग्रेस समर्थक साकेत गोखले ने दर्ज करवाई है। साकेत ने तस्लीमा के खिलाफ भारत में सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने की कोशिश करने को लेकर शिकायत दर्ज कराई है।
बता दें कि तस्लीमा नसरीन ने 29 अक्टूबर 2020 को अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से एक ट्वीट पोस्ट किया, जिसमें ’बॉयकॉट इस्लाम’ लिखा था। विदेशियों के क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी के समक्ष दायर शिकायत में कहा गया है कि नई दिल्ली में वीजा पर रहने वाली तस्लीमा नसरीन (स्वीडन की नागरिक) ने वीजा मानदंडों का व्यापक उल्लंघन करते हुए अपने ट्वीट के माध्यम से भारत में सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने का प्रयास किया है।
Have filed a complaint with the visa section of Union Home Ministry as well as FRRO Delhi against Taslima Nasreen trying to spread communal hate & disharmony in India despite being here on a visa.
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) October 30, 2020
A Swedish national spreading communal hate speech in India will NOT be tolerated. pic.twitter.com/k6myMlqMOG
गोखले ने गृह मंत्रालय के वीजा विंग और एफआरआरओ को लिखे अपने पत्र में कहा कि नसरीन का ट्वीट ‘हमारे देश में सांप्रदायिक विद्वेष और नफरत फैलाने का एक कुत्सित और जानबूझकर किया गया प्रयास’ है। शिकायत में आगे कहा गया है, “यह नोट किया जा सकता है कि किसी भी तरह के वीजा पर रहने वाले विदेशियों को देश में उनके निवास के दौरान राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति नहीं है।” गोखले ने सरकार से मामले का तत्काल संज्ञान लेने का अनुरोध किया।
तस्लीमा नसरीन ने हाल ही में ट्विटर पर लिखा था, “इस्लाम धर्म में सुधार की जरूरत है, नहीं तो आधुनिक सभ्यता में इस धर्म के लिए कोई जगह नहीं है।” इसके पहले तस्लीमा ने ट्विटर पर ही लिखा था, “बॉयकॉट इस्लाम।”
तस्लीमा नसरीन के इन ट्वीट्स के बाद सोशल मीडिया में खासा बवाल हुआ। जहाँ इस्लामिक कट्टरपंथियों ने उनकी आलोचना की तो बाकी लोग खुलकर उनके समर्थन में आए। दरअसल, तस्लीमा लगातार खुलकर इस्लाम की बुराइयों और इस धर्म की खामियों के बारे में बात करती हैं।
हाल ही में फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून को लेकर चल रहे विवाद पर भी वे खुलकर अपना पक्ष रख रही हैं। वे लगातार ट्वीट करती हैं और मुस्लिम कट्टरपंथियों को आइना दिखाती रहती हैं। तस्लीमा पाकिस्तान मूल के तारेक फतेह की तरह ही इस्लाम की बुराइयों की आलोचना करती हैं और भारत की पैरवी करती रही हैं।
गौरतलब है कि 29 अक्टूबर 2020 की सुबह 9 बजे फ्रांस के नीस शहर में स्थित कैथेड्रल चर्च में एक आतंकवादी घटना हुई। इस आतंकी घटना में एक व्यक्ति ने अल्लाह-हू-अकबर बोलते हुए कई लोगों पर धारदार हथियार से हमला किया। इस घटना में अभी तक 3 लोगों की जान जा चुकी है और कई घायल बताए जा रहे हैं। मरने वालों में एक महिला भी शामिल है, जिनका गला काट दिया गया है।
इसके बाद फ्रांस के एविगनन (Avignon) शहर में एक व्यक्ति ने अल्लाह-हू-अकबर का नारा लगाते हुए धारदार हथियार से पुलिसकर्मियों के एक समूह पर हमला कर दिया। इसके बाद पुलिस वालों ने उस व्यक्ति पर जवाबी कार्रवाई में गोली चलाई जिसमें उस व्यक्ति की मौत हो गई। स्थानीय समयानुसार यह घटना लगभग 11:15 बजे हुई थी यानी फ्रांस के ही नीस शहर के चर्च में 1 महिला समेत 3 लोगों की गला काट कर हत्या करने के कुछ ही घंटों बाद।