‘दुनिया में हिन्दू नाम का कोई धर्म ही नहीं है, इसका अस्तित्व मात्र एकाध सदी पुराना है।’ एक तथाकथित उपदेशक ने खुलेआम मंच से ये बातें कहीं और वो भी एक बड़े नेता के सामने। जब हिन्दू धर्म पर महिला उपदेशक कलैरसी नटराजन यह टिप्पणी कर रही थी तब वहाँ पर तमिलनाडु की प्रमुख विपक्षी पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के अध्यक्ष मुथुवेल करुणानिधि (MK) स्टालिन मौजूद थे और चुपचाप ये सब सुन रहे थे।
अब इस टिप्पणी को लेकर विवाद शुरू हो गया है। राज्य की भाजपा यूनिट ने भी इस बयान पर आपत्ति जताई है। नटराजन ने यहाँ तक कहा कि सब शैव हैं और सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण तो ये है कि हम सब तमिल हैं। राजनीतिक विश्लेषक शहजाद जयहिंद ने कहा कि जब इस तरह का विवादित और आपत्तिजनक बयान दिया गया, तब MK स्टालिन चुप बैठे हुए थे, ऐसे में उन पर सवाल उठना लाजिमी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में बात करते हुए इसी कार्यक्रम में एक उपदेशक ने कहा कि वो अमीर लोगों के मित्र हैं और उनकी मदद करने के लिए ही सत्ता में आए हैं। उपदेशक ने कहा कि वे अमीरों की मदद करते हैं लेकिन खुद के बारे में कहते रहते हैं कि वो गरीब परिवार से थे और उन्होंने बचपन में चाय बेची है। बिशप एर्ज़ा सरगुणम ने ये बातें कहते हुए दावा किया कि मोदी जो कहते हैं, वो उसके बिल्कुल विपरीत हैं।
एमके स्टालिन लगातार भाजपा पर घृणा फैलाने का आरोप लगाते हैं। उन्होंने दावा किया था कि जो लोग डीएमके के खिलाफ हिन्दुत्व का हथियार प्रयोग कर रहे हैं, उन्हें शायद पता भी नहीं है कि उनकी पार्टी ने हिन्दू धर्म के लिए क्या किया है। उन्होंने दावा किया था कि भाजपा के नेता धर्म को हथियार के रूप में प्रयोग करते हुए जनता को बाँट रहे हैं। उन्होंने कहा था कि आज कई ऐसे लोग पैदा हो गए हैं, जो धर्म और अध्यात्म की रक्षा के लिए अवतार होने का दावा ठोकते हैं।
एमके स्टालिन का कहना था कि हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए उनकी पार्टी ने बहुत कुछ किया है। उन्होंने गिनाया था कि 1967-75 के बीच जब डीएमके की सरकार थी तो 5000 मंदिरों का जीर्णोद्धार किया गया। उन्होंने कहा कि पहले तो ‘Charitable Endowments department (HR&CE)’ का कोई अलग विभाग ही नहीं था, इसे डीएमके ने बनाया। उन्होंने दावा किया कि 1996-2001 में 2459 मंदिरों की मरम्मत हुई, तब भी डीएमके की सरकार थी।
उन्होंने तमिल को सबसे पुरानी सभ्यता बताते हुए कहा कि ये कभी विभाजित नहीं होंगे। उन्होंने कहा था कि भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह तमिलनाडु में क्या चल रहा है, इस बारे में कुछ जानते ही नहीं हैं। बता दें कि तमिलनाडु में जब से भाजपा सक्रिय हुई है, तब से वहाँ दशकों से काबिज द्रविड़ पार्टियों में बेचैनी है। NDA कि सहयोगी सत्ताधारी पार्टी AIADMK ने भी भाजपा को मंदिर यात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी थी।
There is no religion called Hinduism, its existence only dates back a couple of centuries. We are all Shivites & most importantly Tamilians: Kalairasi Natarajan, preacher.
— TIMES NOW (@TimesNow) December 22, 2020
The remark, which was made in presence of DMK chief @mkstalin, has sparked controversy. pic.twitter.com/G7qoXaWM8a
इसी तरह पिछले वर्ष MK स्टालिन ने केंद्र की मोदी सरकार पर हिंदी भाषा थोपने का आरोप लगाया था। हालाँकि, बाद में डीएमके प्रमुख स्टालिन ने हिंदी थोपने को लेकर चलाए जा रहे आंदोलन को खत्म कर दिया था। स्टालिन ने आंदोलन ख़त्म करने की घोषणा करते हुए कहा था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मामले पर सफाई दे दी है। जिससे बात यहीं ख़त्म होती है। साथ ही स्टालिन ने कहा था कि हिंदी थोपने के खिलाफ डीएमके की लड़ाई जारी रहेगी।