Tuesday, March 19, 2024
Homeराजनीतिहिंदी भाषा विवाद: अमित शाह के 'कभी नहीं कही हिंदी थोपने की बात' पर...

हिंदी भाषा विवाद: अमित शाह के ‘कभी नहीं कही हिंदी थोपने की बात’ पर स्टालिन ने आंदोलन लिया वापस

स्टालिन ने आंदोलन ख़त्म करने की घोषणा करते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मामले पर सफाई दे दी है। जिससे बात यहीं ख़त्म होती है लेकिन साथ ही स्टालिन ने कहा कि हिंदी थोपने के खिलाफ डीएमके की लड़ाई जारी रहेगी।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हिंदी भाषा को लेकर उत्पन्न हुए विवाद पर बुधवार को अपने एक बयान में कहा, “मैंने क्षेत्रीय भाषाओं पर हिंदी भाषा को थोपने की बात कभी नहीं कही। मैंने सिर्फ इतनी अपील की थी कि मातृभाषा के बाद दूसरी भाषा के रूप में हिंदी को सीखना चाहिए। मैं खुद गैर हिंदी भाषी राज्य गुजरात से आता हूँ। अगर कुछ लोग इस पर राजनीति करना चाहते हैं, तो यह उनकी च्वॉइस है।”

खासतौर से दक्षिण भारत में हो रहे बवाल के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि उन्होंने कभी भी हिंदी को क्षेत्रीय भाषाओं पर थोपने की बात नहीं कही है। हिंदी को केवल दूसरी भाषा के तौर पर सीखने की बात की थी। इसपर अगर किसी को राजनीति करनी है तो वह करता रहे।

बता दें कि कॉन्ग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने हिंदी विवाद पर कहा कि हम तमिलनाडु में कभी भी हिंदी को जबरदस्ती थोपना स्वीकार नहीं करेंगे। हिंदी इस देश की एकजुट ताकत नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम 20 सितंबर को डीएमके द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में हिंदी के मुखर रूप से लागू होने का विरोध करेंगे।

उधर अब नए समीकरण के तहत डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने हिंदी थोपने को लेकर चलाए जा रहे आंदोलन को खत्म कर दिया है। स्टालिन ने आंदोलन ख़त्म करने की घोषणा करते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मामले पर सफाई दे दी है। जिससे बात यहीं ख़त्म होती है लेकिन साथ ही स्टालिन ने कहा कि हिंदी थोपने के खिलाफ डीएमके की लड़ाई जारी रहेगी।

आपको बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी भाषा को बढ़ावा देने की अपील करते हुए कहा था कि देश को एकजुट करने का काम अगर कोई भाषा कर सकती है, तो वह हिंदी ही है। वैसे भारत कई भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना अलग महत्व है। हालाँकि, पूरे देश में एक भाषा का होना बेहद जरूरी है, जो दुनिया में उसकी पहचान बन सके। उनके इस वक्तव्य के बाद से ही हिंदी भाषा की लेकर राजनीति शुरू हो गई थी।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘प्रियंका गाँधी ने मेरे पति से कहा- अदिति सिंह के चरित्र को बदनाम करो, तब दूँगी टिकट’: रायबरेली की विधायक का खुलासा, सुनाई राहुल...

कौल अदिति सिंह, राहुल गाँधी उस दौरान उनसे पूछा कि उत्तर प्रदेश में हमारे पास कितने विधायक हैं? अदिति सिंह ने जवाब दिया - सात। बकौल महिला विधायक, इसके बाद राहुल गाँधी ने अपना सिर ऊपर की तरफ उठाया और जोर से हँसने लगे।

दलित की हत्या, कहीं धारदार हथियार से हमला, किसी की दुकान फूँकी… लोकसभा चुनाव से पहले बंगाल में फिर TMC गुंडों के टारगेट पर...

पश्चिम बंगाल में पिछले कुछ दिनों में बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमलों की संख्या बढ़ गई है। लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा होते ही राजनीतिक हिंसा की नई लहर चल पड़ी है, जिसमें टीएमसी के कार्यकर्ता बीजेपी कार्यकर्ताओं, नेताओं पर जानलेवा हमले कर रहे हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe