Friday, October 11, 2024
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I.N.D.I. गठबंधन ने किया बहिष्कार, कॉन्ग्रेसी पूर्व CM ने किया सत्कार: कमलनाथ के साथ दिखीं नविका कुमार तो भड़का विपक्षी गिरोह

"कमलनाथ इंडिया अलायन्स द्वारा बहिष्कृत पत्रकार को लेकर अपने साथ चुनाव प्रचार में घूम रहे। कॉन्ग्रेस पार्टी खुद इंडिया अलायन्स के साथी दलों के साथ ईमानदार नहीं है और कॉन्ग्रेस खुद भाजपा के एजेंडे पर काम कर रही।"

लोकसभा चुनाव-2024 से पहले भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार को हराने के लिए विपक्षी दलों का इंडी गठबंधन (INDI Alliance ) उससे पहले ही टूटता दिख रहा है। आए दिन गठबंधन के दल एक दूसरे के खिलाफ तीखे बयान-बाजी कर रहे हैं।

दल में देश की विपक्षी पार्टियों को पीएम मोदी के खिलाफ एकजुट करने का झंडा बुलंद करने वाली कॉन्ग्रेस पार्टी से गठबंधन के बाकी दल खार खाए बैठे हैं। इस कड़ी में अब मध्य प्रदेश समाजवादी पार्टी की यूनिट ने कॉन्ग्रेस नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे कमलनाथ के इंडी गठबंधन के बहिष्कृत पत्रकारों में शामिल नविका कुमार के साथ घूमने पर आड़े हाथों लिया।

समाजवादी पार्टी मध्य प्रदेश यूनिट ने अपने एक्स हैंडल पर कॉन्ग्रेस पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सपा के हैंडल पर पत्रकार नविका कुमार और वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता कमलनाथ की फोटो के साथ ही इंडी गठबंधन के बहिष्कृत पत्रकारों की लिस्ट के साथ लिखा गया, “इंडिया अलायन्स की मीटिंग में सर्वसम्मति से तय हुआ था कि कुछ पत्रकार जो भाजपा के एजेंडे पर डिबेट्स करते हैं उनके किसी कार्यक्रम में अलायन्स में शामिल दलों के प्रतिनिधि नहीं जाएँगे और ना ही उन्हें बुलाएँगे। अब कॉन्ग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता। पूर्व मुख्यमंत्री तथा मध्य प्रदेश कॉन्ग्रेस के सर्वेसर्वा कमलनाथ जी इंडिया अलायन्स द्वारा बहिष्कृत पत्रकार को लेकर अपने साथ चुनाव प्रचार में घूम रहे। कॉन्ग्रेस पार्टी खुद इंडिया अलायन्स के साथी दलों के साथ ईमानदार नहीं है और कॉन्ग्रेस खुद भाजपा के एजेंडे पर काम कर रही।”

गौरलतब है I.N.D.I. अलायंस ने गुरुवार, (14 सितंबर, 2023 ) को खुलेआम 14 समाचार एंकरों की एक सूची जारी कर उनके ‘बहिष्कार’ का फैसला लिया था। इनकी लिस्ट इसी दिन कॉन्ग्रेस नेता पवन खेड़ा द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की गई थी। 

अब उसी कॉन्ग्रेस के नेता कमलनाथ मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले लिस्ट में 9वें नबंर पर शामिल पत्रकार नविका कुमार के साथ चुनाव प्रचार अभियान पर जाते हैं और उनसे बात करते हैं। इससे इंडी गठबंधन के दलों की छाती पर साँप लोटना स्वाभाविक था।

इससे पहले भी चुनावी राज्य एमपी में सीटों को लेकर नाराज समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव कॉन्ग्रेस पार्टी की छिछालेदार कर चुके हैं। उन्हें यहाँ कॉन्ग्रेस ने पूरी तरह से नजरअंदाज करते हुए वादे के मुताबिक 6 सीटें तो छोड़िए, एक भी सीट नहीं दी।

इसके बाद अखिलेश यादव ने कहा कि अगर उन्हें पता होता कि राज्यों के स्तर पर गठबंधन नहीं है, तो वो कभी इंडी गठबंधन की किसी बैठक में जाते ही नहीं। इसके बाद उनकी पार्टी ने यहाँ अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया।

यहाँ के प्रदेश प्रभारी व्याजी गोंड ने कहा समाजवादी पार्टी सभी 230 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने की कोशिश कर रही है। अभी तक 31 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया गया है। उधर दूसरी तरफ सभी विपक्षी दलों को बटोर कर लाने वाले बिहार के सीएम नीतिश कुमार का भी कुछ ऐसा ही हाल है।

इस बीच, अखिलेश यादव ने भी साफ कर दिया है कि वो इंडी गठबंधन को परे रखकर उत्तर प्रदेश की 80 में से 65 लोकसभा सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे। उन्हें किसी दल के संग-साथ की जरूरत नहीं है।

वहीं जम्मू-कश्मीर से भी इंडी गठबंधन में शामिल दल जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेकेएनसी) के भी इसे लेकर बगावती तेवर दिखने लगे हैं। जेकेएनसी के वाइस प्रेजिडेंट उमर अब्दुल्ला भी कॉन्ग्रेस नेता कमलनाथ के संग पत्रकार नाविका कुमार को देख अपनी त्यौरियाँ चढ़ा रहे हैं। उन्होंने अपने एक्स हैंडल से तंज करते हुए पोस्ट किया, “एंकरों का बहिष्कार करने वाली एक मूर्खतापूर्ण सूची के लिए इतना ही। मुझे खुशी है कि यह अपनी ही मौत मर गया INDIA गठबंधन।”

खुद को सभी को साथ लेकर चलने वाला नेता बताते हुए बिहारी बाबू नीतीश कुमार ने गुरुवार (2 नवंबर, 2023) को सीपीआई और वामदलों की पटना में हुई एक रैली के मंच से कॉन्ग्रेस पर सवालिया निशान लगाए। उन्होंने कहा कि अभी कॉन्ग्रेस पार्टी गठबंधन पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। उसका तवज्जो महज 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों पर है।

नीतीश कुमार का ये बयान समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव जैसा ही है। कॉन्ग्रेस पर हमलावर होते हुए सीएम नीतीश कुमार ने इंडी गठबंधन से बाहर जाने की बात साफ तो नहीं की, लेकिन ये कहा कि वो सभी को साथ लेकर चलना चाहते हैं। इसलिए ही सभी को एकजुट कर रहे हैं।

उन्होंने खुद को सोशलिस्ट का तमगा देते हुए कहा कि सीपीआई से पुराना रिश्ता है। कम्युनिस्ट और सोशलिस्ट को एक होकर आगे चलना है। अब एक बार पाँचों राज्यों के विधानसभा चुनाव खत्म हो जाए, उसके बाद इस गठबंधन के भविष्य पर चर्चा होगी।

भाजपा के खिलाफ गठबंधन बनाने में सीएम नीतीश कुमार अहम रोल में रहे। उन्होंने भाजपा के खिलाफ सभी दलों को इकट्टा करने में एड़ी चोटी का जोर लगाया था। इसी वजह से पटना की बैठक के बाद मुंबई और फिर बेंगलुरु में बैंठके हुईं।

इस बैठक में ही राहुल गाँधी ने उनसे पूछे बगैर ही गठबंधन का नामकरण I.N.D.I. Alliance कर डाला था। इससे सुशासन बाबू खासे नाराज हुए थे और गठबंधन की तरफ से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं हुए थे। हालाँकि बाद में साझा बयान जारी कर इस घटना पर लीपापोती करने की कोशिश की गई थी।

यही नहीं एजेंडा के तौर पर शामिल की गई जातीय जनगणना की माँग पर सभी दलों की रजामंदी नहीं थी। इसके बाद इस मुद्दे को भी राहुल गाँधी ने हाईजैक करने की कोशिश की है और वो लगातार इस मुद्दे पर खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं।

वहीं दक्षिण में इंडी गठबंधन का हिस्से डीएमके पार्टी ने सनातन पर उल्टी-सीधी बयानबाजी की। इस पर गठबंधन चुप्पी साधे बैठे रहा। हालाँकि उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर दिए बयान के बाद इंडी गठबंधन की भोपाल की रैली चुनावों की वजह से कॉन्ग्रेस के दबाव में रद्द कर दी गई।

उधर दूसरी तरफ आरजेडी के नेताओं की सनातन और हिंदू विरोधी बयानों पर गठबंधन के सभी दल होठ सिले बैठे रहे। इसी तरह पंजाब से लेकर दिल्ली तक आम आदमी पार्टी और कॉन्ग्रेस की तनातनी जगजाहिर है। उधर सीएम ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल में वामदलों के साथ काम करने में एतराज हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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