हीरोइन से तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) की उम्मीदवार बनीं कौशानी बनर्जी का एक वीडियो वायरल हो रहा। इसमें वह वोटरों को धमकाती दिख रही हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कौशानी कृष्णानगर (उत्तर) सीट से किस्मत आजमा रहीं हैं।
एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए वह एक उन्होंने एक शख्स को खींचा और पूछा, “तुम बीजेपी से हो? इधर आओ।” उसी समय तृणमूल कॉन्ग्रेस के ‘अति उत्साही’ कार्यकर्ता ‘जय बंगला’ का नारा लगाने लगते हैं। इसके बाद कौशानी बनर्जी कहती हैं, “सबके घर में माँ-बहन हैं। वोट देते समय याद रखना।”
माताओं-बहनों का संदर्भ देकर कौशानी ने यह जताने की कोशिश की कि बीजेपी को वोट देने पर उनकी परिवार की महिलाओं के साथ अत्याचार होगा। हालाँकि यह स्पष्ट रूप से नहीं कहा गया है, लेकिन उनके बयान के कहने का यह मतलब निकाला जा रहा है कि टीएमसी के लिए मतदान नहीं करने से पार्टी का गुस्सा समाज की महिलाओं पर उतर सकता है।
“Everyone’s got mothers & sisters at home, think before you vote” – Kaushani Mukherjee, TMC candidate from Krishnanagar North.
— BJP Bengal (@BJP4Bengal) April 2, 2021
This is how she threatened the women of Bengal, this is Pishi’s culture. The women of Bengal are definitely not safe under Pishi’s rule. pic.twitter.com/sdvPrbkUND
बीजेपी की राज्य इकाई ने कौशानी बनर्जी की टिप्पणी के लिए तृणमूल कॉन्ग्रेस पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया, “इस तरह उन्होंने बंगाल की महिलाओं को धमकी दी, यह पिशी (ममता बनर्जी की) संस्कृति है। बंगाल की महिलाएँ निश्चित रूप से पीशी शासन के तहत सुरक्षित नहीं हैं।”
यह पहली बार नहीं है कि चुनाव प्रचार के दौरान तृणमूल कॉन्ग्रेस के किसी उम्मीदवार ने डराने-धमकाने वाली रणनीति का सहारा लिया है। शुक्रवार (अप्रैल 2, 2021) को अलीपुरद्वार जिले के फलकता में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, “केंद्रीय सुरक्षाकर्मी, जो बाहर से आए हैं, आपको डराने का प्रयास करेंगे। कल, उन्होंने नंदीग्राम में किया। चुनाव शुरू होने से लगभग 48 घंटे पहले, केंद्रीय सुरक्षा बल गाँवों में जाते हैं और लोगों को टीएमसी को वोट न देने के लिए डराते हैं। वे लोगों को टीएमसी के लिए मतदान करने के खिलाफ चेतावनी देते हैं।”
ममता बनर्जी ने दावा किया कि तृणमूल कॉन्ग्रेस को हराने के लिए केंद्रीय सुरक्षाकर्मी भाजपा के साथ मिलकर चाटुकारिता कर रहे हैं। फलकता के लोगों को हिंसक साधनों का सहारा लेने के लिए उकसाते हुए कहा, “उन्हें मत सुनो। अगर वे आपको डराने-धमकाने की कोशिश करते हैं, तो आपको एकजुट होकर हँसुआ, लाठी और झाड़ू से उनका पीछा करना चाहिए।”