अब तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) भी हाथरस मुद्दे पर अपने राजनीतिक अभियान को आगे बढ़ाने के लिए कमर कस चुकी है। इस सिलसिले में राहुल और प्रियंका गाँधी का अनुसरण करते हुए तृणमूल कॉन्ग्रेस के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पार्टी के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ ब्रायन के नेतृत्व में शुक्रवार (सितंबर 3, 2020) को हाथरस की पीड़िता से मिलकर संवेदना व्यक्त करने के लिए निकले। हालाँकि, पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया।
टीएमसी भी उस मामले में कूद पड़ी है, जिसमें अभी तक बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई है। हालाँकि, इससे पहले वह पश्चिम बंगाल में यौन शोषण के मामलों को ‘राजनीतिक साजिश’ करार देते हुए उसे शर्मनाक, चरित्र हनन और यहाँ तक कि यौन उत्पीड़न केस का सहारा लिया था। ऐसा ही एक उदाहरण पार्क स्ट्रीट बलात्कार मामले में पार्टी की तरफ दी गई प्रतिक्रिया का है।
पार्क स्ट्रीट मामले में बलात्कार के आरोपों को खारिज करते हुए टीएमसी ने पीड़िता को दोषी ठहराया
6 फरवरी, 2012 को सुज़ैन बर्नर्ट नाम की एक एंग्लो इंडियन महिला जब कोलकाता में पार्क स्ट्रीट से घर लौट रही थी, तो पाँच युवकों ने चलती कार में उसके साथ बलात्कार किया था। इस खबर के सामने आने के तुरंत बाद TMC सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सभी आरोपितों को आरोपों से मुक्त कर दिया था। इसके साथ ही उन्होंने इसे ‘मनगढंत घटना’ करार दिया। जिसे कथित तौर पर ‘सरकार को बदनाम करने के लिए गढ़ा गया था।’
एक समाचार चैनल से बात करते हुए, टीएमसी सांसद काकोली घोष धस्तीदार ने पीड़िता के चरित्र पर ऊँगलियाँ उठाते हुए बलात्कार के एंगल को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा था, “यदि आप पार्क स्ट्रीट मामले की बात कर रहे हैं, तो यह पूरी तरह से एक अलग मामला है। यह बलात्कार का मामला बिल्कुल नहीं है। यह महिला और उसके क्लाइंट के बीच प्रोफेशनल डीलिंग करने वाले दो लोगों के बीच की गलतफहमी थी।”
इसके साथ ही, तत्कालीन परिवहन मंत्री ने भी पीड़िता के चरित्र पर सवाल उठाया था और शिकायत को फर्जी बताया था। 3 साल बाद 2015 में, कोलकाता कोर्ट ने पार्क स्ट्रीट मामले में बलात्कार के आरोपों को बरकरार रखा और आरोपित नासिर खान, रुमान खान और सुमित बजाज को दोषी पाया।
उसी साल बर्दवान के कटवा में एक और बलात्कार मामला सामने आया। इस दौरान भी ममता बनर्जी ने बलात्कार के आरोपों को फिर से खारिज कर दिया, वो भी जाँच पूरी होने से पहले ही। उन्हें कहते हुए सुना गया था, “एक राजनीतिक दल बलात्कार का नारा लगाते हुए यह सब कर रही है। वे यह नाटक खेल रहे हैं। वे पश्चिम बंगाल को बदनाम करने के लिए ऐसा कर रहे हैं।”
2013 में, राज्य में बलात्कार के बढ़ते मामलों के बारे में पश्चिम बंगाल विधान सभा में एक बहस के दौरान सीएम ने ममता बनर्जी ने कहा था कि यह राज्य की जनसंख्या में वृद्धि के कारण हुआ। बढ़ते बलात्कार मामलों के लिए उन्होंने आधुनिकीकरण, शॉपिंग मॉल में वृद्धि और मल्टीप्लेक्सों को दोषी ठहराया था।
तृणमूल कॉन्ग्रेस हाथरस मामले में खुद को ‘न्याय के योद्धा’ के रूप में चित्रित करने की कोशिश कर रही है, मगर सच्चाई तो यह है कि बलात्कार जैसे संवेदनशील मुद्दों पर पार्टी का ट्रैक रिकॉर्ड गंभीर सवाल उठाता है।
अरविंद केजरीवाल ने योगी सरकार पर साधा निशाना
शुक्रवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने AAP के अन्य नेताओं के साथ मिलकर योगी सरकार के खिलाफ जंतर-मंतर पर धरना दिया था। अभियुक्तों के लिए मृत्युदंड की माँग करते हुए उन्होंने कहा, “पूरा देश आरोपितों को कड़ी से कड़ी सजा देने की माँग कर रहा है। उन्हें फाँसी दें ताकि देश में ऐसी घटना कभी न दोहराई जाए। कुछ लोगों को लगता है कि आरोपित को बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। परिवार ने अपनी बेटी को खो दिया है। उन्हें सरकार और समाज से सहानुभूति एवं समर्थन की जरूरत है। लेकिन उनसे जिस तरह का व्यवहार किया गया, वह गलत है।”
मामले में कवरअप का आरोप लगाते हुए, केजरीवाल ने कहा, “हाथरस सामूहिक बलात्कार की घटना में हालिया घटनाक्रम यह बताता है कि इसमें कवरअप करने की कोशिश की जा रही है। कई दिनों तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई; तब उचित देखभाल (मृतक को) नहीं दी गई थी। जब उसने दम तोड़ दिया, तो रात में उसके शव का अंतिम संस्कार किया गया। और अब वे कह रहे हैं कि बलात्कार नहीं हुआ था।”