पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों को लेकर अभी से सियासी खेल शुरू हो गए हैं। हाल में भाजपा अध्यक्ष जय प्रकाश नड्डा ने ममता बनर्जी पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाया था। हालाँकि ममता बनर्जी ने आरोपों से मुक्ति पाने के लिए कल ब्राह्मणों के लिए बड़ा ऐलान कर दिया। ममता सरकार ने साल 2021 के चुनावों से पहले राज्य के 8000 से अधिक गरीब सनातन ब्राह्मण पुजारियों को 1000 रुपए का मासिक भत्ता और मुफ्त आवास देने की घोषणा की।
बंगाल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “हमने पहले सनातन ब्राह्मण संप्रदाय को कोलाघाट में एक अकादमी स्थापित करने के लिए भूमि प्रदान की थी। इस संप्रदाय के कई पुजारी आर्थिक रूप से कमजोर हैं। हमने उन्हें प्रतिमाह 1,000 रुपए का भत्ता प्रदान करने और राज्य सरकार की आवासीय योजना के तहत मुफ्त आवास प्रदान करके उनकी मदद करने का फैसला किया है।”
इसके अलावा उन्होंने हिंदी अकादमी और दलित अकादमी स्थापित करने की भी बात की। उन्होंने हिंदी दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि उनकी सरकार सभी भाषाओं का सम्मान करती है और उसमें भाषायी आधार पर पूर्वग्रह नहीं है।
उन्होंने कहा, “हम सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं। हमने एक नई हिंदी अकादमी स्थापित करने का निर्णय किया है। हमने एक दलित साहित्य अकादमी भी स्थापित करने का निर्णय किया है। दलितों की भाषा का बंगाली भाषा पर प्रभाव है।”
ममता बनर्जी ने सोमवार को जिलों में मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे के नवीनीकरण की योजना का भी अनावरण किया। इस दौरान ममता ने अपनी सरकार के ‘सर्व धर्म समन्वय’ प्रस्ताव के तहत बिष्णुपुर के बंकुरा स्थित 14वीं शताब्दी के मंदिरों के जीर्णोद्धार पर विशेष जोर दिया।
यहाँ बता दें कि ममता बनर्जी का यह कदम जेपी नड्डा के आरोप लगाने के बाद आया है। इसलिए इस पर सवाल उठने लाजिमी हैं। ममता सरकार को हमेशा अल्पसंख्यकों के प्रति झुकाव और उनके अनुसार बनाई गई नीतियों के लिए घेरा जाता रहा है। इससे पहले बंगाल में इमाम और मुअज्जिनों को वक्फ स्टेट बोर्ड से इसी तरह का भत्ता मिलता आया है। इसके लिए बोर्ड को टीएमसी सरकार से ग्रांट मिलती है।
क्या कहा था भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने?
आगामी चुनावों के मद्देनजर जेपी नड्डा ने पश्चिम बंगाल सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि 5 अगस्त को जब राम मंदिर का भूमि पूजन हुआ उसी दिन ममता दीदी ने पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन लगा दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा करके उन्होंने करोड़ों लोगों की इच्छाओं को कुचलने का काम किया। ये अलग बात है कि बकरीद में लॉकडाउन हटा लिया गया था। जो यह दर्शाता है कि राज्य सरकार की नीतियाँ हिंदू विरोधी मानसिकता और तुष्टिकरण की राजनीति से प्रेरित हैं।”
पश्चिम बंगाल में होने वाली राजनीतिक हत्याओं का मुद्दा उठाते हुए नड्डा ने पूछा कि यह जंगलराज नहीं तो क्या है? उन्होंने कहा, “100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को मारा गया है। दुख होता है, यह जो अपने आप को लोकतंत्र के चैंपियन कहते हैं, ऐसे मौकों पर उनकी आवाज नहीं निकलती है। हमें इसी मानसिकता को हटाना है।”