पार्टी से सस्पेंड कर दिए गए TMC नेता पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) सुर्खियों में हैं। ममता सरकार में मंत्री रहे पार्थ की करीबी अर्पिता मुखर्जी के अलग-अलग फ्लैटों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापेमारी में करोड़ों रुपए नकद और सोना बरामद किया। अब पार्थ चटर्जी का कहना है कि इन पैसों की जानकारी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) में सभी शीर्ष नेताओं को थी। आपको बता दें कि TMC की सबसे बड़ी नेता और सर्वेसर्वा ममता बनर्जी हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) को पूछताछ में अर्पिता मुखर्जी ने बताया था कि पार्थ उनके फ्लैटों को बैंक की तरह प्रयोग करते थे। फिलहाल पार्थ चटर्जी गिरफ्तार हैं। पूछताछ में उन्होंने बताया है कि उनके द्वारा लिए जा रहे पैसों की जानकारी पार्टी में सभी शीर्ष नेताओं को थी।
पैसों के बारे में TMC के टॉप लीडर को सब पता
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पार्टी से सस्पेंड होने और मंत्री पद से हटा दिए जाने के बाद पार्थ चटर्जी ने जाँचकर्ताओं को खुद ही सब कुछ बताना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा:
“स्कूल में अध्यापक बनाने के नाम पर कैंडिडेट्स से लिए जा रहे पैसों की जानकारी पार्टी में शीर्ष नेतृत्व सहित बाकी सबको थी। मैंने तो सिर्फ पैसों को अपने पास रखा था। न ही मैंने किसी कैंडिडेट से पैसे लिए और न ही माँगे। यह पार्टी का एक आदेश था, जिसे मैंने माना। पैसे कई अन्य नेताओं ने भी लिए, जो सब मुझे रखने को दे दिया गया था।”
जो मिला वो तो एक छोटा सा हिस्सा
पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) ने आगे कहा, “जो पैसे मेरे पास रखे हुए थे, उसमें से सैकड़ों करोड़ रुपए पार्टी ने प्रयोग कर डाले। मेरे पास जो बरामद हुआ, वह तो एक छोटा सा हिस्सा है। मेरे अलावा कई अन्य नेताओं ने अपने पैसे से अर्पिता मुखर्जी के नाम पर जमीनें खरीदी हैं। सबके पैसे मेरे पास रखने के लिए पार्टी ने लम्बा समय विचार करने में लिया था। अब पार्टी द्वारा मुझे मेरे हाल पर छोड़ दिया गया है।”
टीचरों के अलावा रेलवे में नौकरियों के लिए भी पैसे
एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक पार्थ चटर्जी ने जाँचकर्ताओं को जानकारी दी है कि न सिर्फ टीचरों बल्कि रेलवे की नौकरियों के लिए भी TMC नेताओं ने कैंडिडेट्स से पैसे लिए हैं। उन्होंने बताया, “मेरा काम दूसरे नेताओं द्वारा बनाए गए कागजातों पर साइन करने तक सीमित था। मजेरहाट इलाके में बाकायदा ऐसी डील करने के लिए ऑफिस खोले गए हैं। रेलवे की नौकरियों के नाम पर भी पैसे जमा किए गए हैं।”
पार्थ चटर्जी के अनुसार तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) जब सत्ता में नहीं थी, तब भी वो पैसे लेकर नौकरी लगा देने के खेल खेलती थी। तृणमूल को पैसे देकर रेलवे में कई लोगों ने नौकरी जॉइन की है। पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) की मानें तो शिक्षा और रेलवे के अलावा भी कई अन्य विभागों में पैसे लेकर नौकरी देने का भ्रष्टाचार तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) ने किया है।
अर्पिता को उसके पैरों पर खड़ा करना चाहता था
अपनी करीबी अर्पिता मुखर्जी के अलग-अलग फ्लैटों में मिले करोड़ों रुपए को लेकर पार्थ चटर्जी ने अलग ही कहानी बयां की। पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) ने बताया:
“मैं अर्पिता को आत्मनिर्भर बनाना चाहता था। मैं चाहता था कि वो मॉडलिंग और फिल्म इंडस्ट्री में अपना खुद का मुकाम हासिल करे। पार्टी को अपने ढेर सारे पैसे छिपाने के लिए एक सेफ जगह की तलाश थी। इस काम के बदले अर्पिता को कमीशन देने का वादा किया गया था। कई बड़े अधिकारी अर्पिता के नाम पर लिए गए घरों का दौरा भी कर चुके हैं।”
पहली बार नहीं लगा पैसे के बदले नौकरी का आरोप
गौरतलब है कि नौकरी के बदले पैसे का आरोप तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) पर पहली बार नहीं लगा है। अप्रैल 2022 में भाजपा नेता अग्निमित्रा पॉल ने TMC कार्यकर्ताओं पर मेडिकल कॉलेजों में ग्रुप बी, सी कैटेगरी में नौकरी दिलाने का झाँसा देकर पैसे लेने का आरोप लगाया था। भाजपा नेता के मुताबिक तब टीएमसी पार्षद ने लगभग 530 ऐसे लोगों को 50 हजार रुपए से 1 लाख रुपए के बीच में ठगा था, जो गरीब परिवारों से आते थे।