त्रिपुरा विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मतदान गुरुवार (16 फरवरी, 2023) को होने वाले हैं। मैदान में मौजूद सभी राजनीतिक दल अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। सभी दल अपने प्रमुख नेताओं से चुनाव प्रचार करवा रहे हैं। भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit shah) प्रचार कर चुके हैं। वहीं मौजूदा मुख्यमंत्री माणिक साहा जीत को लेकर अपना दावा ठोक रहे हैं।
दूसरी ओर केरल में एक-दूसरे की दुश्मन सीपीएम (CPM) और काॅन्ग्रेस (Congress) पार्टी त्रिपुरा में एक-दूसरे के साथ मिलकर भाजपा को चुनौती पेश कर रही है। दूसरी ओर जनजातीय बहुल इलाके में तिपरा गठबंधन की भी अच्छी पकड़ है।
इस बीच ‘त्रिपुरा ओपिनियन पोल’ के नाम से एक मतदान पूर्व सर्वे आया है। सर्वे ‘जन की बात’ की ओर से किया गया है। सर्वे में 10 हजार लोगों ने हिस्सा लिया है। सर्वे में कहा गया है कि इसमें ग्रामीण और शहरी इलाकों के मतदाताओं से डाटा इकट्ठा किया गया है। ग्रामीण इलाकों के जनजातीय और गैर-जनजातीय क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है। सर्वे के अनुसार, यहाँ की कुल 60 सीटों में से भाजपा गठबंधन को 30 से 35 सीटें, सीपीएम गठबंधन को 16 से 13 सीटें, तिपरा गठबंधन को 13 से 11 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है।
वहीं वोट शेयर की बात करें तो सीपीएम गठबंधन ने इसमें बाजी मारी है। सर्वे के अनुसार, सीपीएम गठबंधन को 41 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर मिला है। वहीं भाजपा गठबंधन को 32 से 39 प्रतिशत वोट शेयर मिलने का अनुमान जताया गया है। दूसरी ओर, तिपरा गठबंधन को 16 से 21 प्रतिशत और अन्य को 1 से 2 प्रतिशत वोट शेयर मिलने का अनुमान जताया गया है।
वहीं डेमोग्राफी के हिसाब से बात करें तो बंगाली हिंदुओं की पहली पसंद भाजपा है और सर्वे के मुताबिक, करीब 60 प्रतिशत बंगाली हिंदुओं द्वारा भाजपा को वोट देने का अनुमान जताया गया है। इसके बाद 30 प्रतिशत बंगाली हिंदुओं के सीपीएम गठबंधन और आठ प्रतिशत बंगाली हिंदुओं के तिपरा गठबंधन को वोट देने का अनुमान जताया गया है। वहीं 2 प्रतिशत बंगाली हिंदुओं ने अन्य पार्टियों को वोट दिया है। दूसरी ओर बंगाली मुस्लिमों की अगर बात करें तो इसमें सीपीएम गठबंधन सबसे आगे है।
सर्वे के मुताबिक, 70 प्रतिशत बंगाली मुस्लिम सीपीएम गठबंधन को अपना वोट दे सकते हैं। वहीं महज 8 प्रतिशत बंगाली मुस्लिम की पसंद भाजपा है। जनजातीय लोगाें की बात करें तो तिपरा गठबंधन उनकी पहली पसंद है। सर्वे के मुताबिक 65 प्रतिशत जनजातीय लोग तिपरा गठबंधन को वोट दे सकते हैं। वहीं भाजपा और सीपीएम गठबंधन को जनजातीय लोगों की तरफ से क्रमश 25 और नौ प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान हैं। सर्वे के मुताबिक जनजातीय समुदाय में में भी त्रिपुरी जनजाती में भाजपा को 55 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान जताया गया है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में भाजपा ने सीपीएम के 25 साल पुराने शासन का अंत कर दिया था। भाजपा गठबंधन ने तब यहां 60 में से 43 सीटों पर कब्जा किया था। भाजपा ने अकेले दम पर यहाँ बहुमत का आँकड़ा पार कर लिया था। कॉन्ग्रेस को यहाँ एक भी सीट हासिल नहीं हुई थी। सीपीएम गठबंधन को 16 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।