नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध के नाम पर केवल हिंसा ही नहीं हो रही है। इसकी आड़ में भाजपा के जनप्रतिनिधियों को धमकी भी दी जा रही है। त्रिपुरा से भाजपा के सांसद रेबती कुमार त्रिपुरा को संसद में इस बिल का समर्थन करने के लिए धमकी दी गई है। रेबती कुमार ने बताया कि धमकी प्रतिबंधित नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (NLFT) ने दी है।
BJP MP Rebati Kumar Tripura claims he “received threats” from outlawed National Liberation Front of Tripura for voting in favour of #CitizenshipAmendmentBill in Parliament
— Press Trust of India (@PTI_News) December 23, 2019
पूर्वी त्रिपुरा से सांसद ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें कुछ दिन पहले एनएलएफटी का पत्र मिला है। इसमें उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी गई है। उन्होंने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, “मुझे धमकी देते हुए कहा गया है कि संसद में नागरिकता संशोधन बिल के समर्थन में वोट देकर मैंने राज्य के आदिवासियों के साथ धोखा किया है। “
पहली बार सांसद बने रेबती त्रिपुरा के प्रमुख जनजाति नेताओं में से एक हैं। उन्होंने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून राज्य के लोगों को प्रभावित नहीं करेगा। वे इस धमकी के सामने घुटने नहीं टेकेंगे और राज्य के आदिवासी लोगों के कल्याण के लिए काम करते रहेंगे।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह NLFT की धमकी को लेकर चिंतित हैं, सांसद ने कहा, “हाँ, यह चिंता का विषय है। मैं इसके बारे में चिंतित हूँ, क्योंकि हम सभी अतीत में इस प्रतिबंधित समूह की गतिविधियों के को जानते हैं। मैंने पहले ही राज्य के कुछ वरिष्ठ भाजपा नेताओं से बात की है। मैं इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब से भी बात करूँगा।”
गौरतलब है कि NLFT को गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और बाद में आतंकवाद निरोधक अधिनियम (POTA) के तहत 1997 में गैरकानूनी घोषित करते हुए प्रतिबंधित किया गया था। गृह मंत्रालय के मुताबिक, NLFT 317 उग्रवादी घटनाओं समेत कई हिंसक गतिविधियों के लिए जिम्मेदार था। इस उग्रवादी और हिंसक घटनाओं में साल 2005 से 2015 के बीच 28 सुरक्षा बलों और 62 नागरिकों की जान चली गई थी।
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