तेलंगाना के मुख्यमंत्री और तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) अध्यक्ष केसीआर राव ने विपक्ष से कहा कि अगर लोकसभा चुनाव में किसी एक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला, तो वो ग़ैर-बीजेपी गठबंधन की सरकार को अपना समर्थन देने के लिए तैयार हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कि वो न सिर्फ़ उस गठबंधन में शामिल होंगे बल्कि अपनी सक्रिय भूमिका भी निभाएँगे। लेकिन, इसके लिए उन्होंने गठबंधन के समक्ष एक शर्त भी रखी है जिसके पूरा न होने पर वो गठबंधन में नहीं रहेंगे।
ख़बर के अनुसार, केसीआर राव ने विपक्ष के समक्ष यह शर्त रखी है कि अगर वो उन्हें सरकार में उप-प्रधानमंत्री बनाएँगे तभी वो उनका समर्थन करेंगे। उन्होंने इस बात को भी स्पष्ट किया कि वो 21 मई को विपक्ष की पार्टी मीटिंग में तभी शामिल होंगे जब उन्हें इस बात का पूरा भरोसा दिलाया जाएगा कि गठबंधन सरकार में उन्हें उप प्रधानमंत्री का पद दिया जाए।
फ़िलहाल, गठबंधन में शामिल दलों की इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन उनकी इस बात को दलों तक पहुँचा दिया गया है। ख़बर यह भी है कि आंध्र प्रदेश के कॉन्ग्रेस प्रमुख जगनमोहन रेड्डी ने चुनाव नतीजे आने से पहले किसी बात का कोई ख़ुलासा न करने का संकेत दिया है। विपक्ष का मानना है कि इन सभी मुद्दों पर नतीजे आने के बाद ही चर्चा होगी। हालाँकि पार्टी ने केसीआर प्रमुख से संपर्क बनाए रखा है।
ऐसा माना जा रहा है कि केसीआर बीजेपी के साथ कोई गठबंधन नहीं करेंगे, और वो ख़ुद को राष्ट्रीय राजनीति में लाकर तेलंगाना की बागडोर अपने बेटे को सौंपना चाहते हैं। वहीं दूसरी तरफ़ तेलुगूदेशम पार्टी (TDP) अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने तृणमूल कॉन्ग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से गुरूवार (9 मई) को चर्चा की।
तृणमूल कॉन्ग्रेस के सदस्य ने बताया कि ममता बनर्जी और चंद्रबाबू नायडू ने महागठबंधन पर लंबी चर्चा की है जिसमें बुधवार को कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी से हुई मुलाक़ात के विषय पर भी बातचीत हुई। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि 21 मई को होने वाली विपक्षी दलों की बैठक की तारीख आगे बढ़ा दी जाए यानी यह बैठक 23 मई के बाद के लिए भी निर्धारित की जा सकती है।