असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने के लिए 2 बच्चों की नीति (Two-Child Policy) को लागू करने का फैसला किया है। घोषणा के अनुसार कर्जमाफी या अन्य सरकारी योजनाओं के लाभ लेने के लिए यह अनिवार्य होगा।
कुछ विशेष समुदायों को 2 बच्चों की नीति (Two-Child Policy) से फिलहाल छूट दी गई है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के अनुसार चाय बागानों में काम करने वाले मजदूर और अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों पर फिलहाल यह नीति लागू नहीं होगी।
We will gradually incorporate a two-child policy for availing govt benefits. You can consider this an announcement: Assam CM Himanta Biswa Sarma (18.06.2021)
— ANI (@ANI) June 20, 2021
असम सरकार ने हालाँकि यह स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए 2 बच्चों की नीति (Two-Child Policy) सबके लिए अनिवार्य होगी। सभी समुदायों पर इसे लागू करने के लिए चरणबद्ध तरीका अपनाया जाएगा।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शनिवार (19 जून 2021) को बताया कि 2 बच्चों की नीति असम में चल रही सभी योजनाओं पर तुरंत ही लागू नहीं होगी क्योंकि कई योजनाएँ केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाती हैं। स्कूल-कॉलेज में मुफ्त शिक्षा या प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास जैसी योजनाओं में यह नीति फिलहाल लागू नहीं होगी।
सोशल मीडिया पर भय का माहौल
गरीबी उन्मूलन के लिए लाई गई इस नीति के फायदे की जगह सोशल मीडिया पर लोग इसे डर का माहौल से जोड़ रहे हैं।
‘आबादी कंट्रोल करें’ – अल्पसंख्यकों को CM सरमा का मैसेज
बतौर मुख्यमंत्री 30 दिन पूरे होने पर 10 जून 2021 को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गरीबी कम करने के लिए अल्पसंख्यक समुदाय से आबादी कंट्रोल करने को कहा। उन्होंने कहा था कि गरीबी का मुख्य कारण लगातार आबादी बढ़ना है। उस समय AIUDF विधायक हफीज रफीकुल इस्लाम ने इसे सांप्रदायिक रंग देते हुए कहा था कि सिर्फ एक ही समुदाय ज्यादा बच्चे पैदा नहीं करती।