Friday, November 22, 2024
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CM उद्धव की बैठक में बीवी का भतीजा, भड़की NCP ने कहा- दोबारा न हो ऐसी ग़लती

"कोई ऐसा व्यक्ति सरकारी बैठक में कैसे भाग ले सकता है, जो न तो सरकार का हिस्सा है और न ही कोई जनप्रतिनिधि है? वरुण पर्यटन के विशेषज्ञ भी नहीं हैं। ऐसे में उनका इस बैठक में शामिल होने के कोई तुक नहीं है।"

महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कॉन्ग्रेस की सरकार बने अभी 1 सप्ताह भी नहीं हुए हैं। लेकिन साझेदारों के बीच तल्खी की खबरें आने लगी है। मामला मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की एक बैठक से जुड़ा है। उद्धव ठाकरे ने मंत्रालय और सचिवालय के कुछ अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। उस बैठक में उनके बेटे आदित्य ठाकरे भी मौजूद थे। लेकिन हंगामा इसे लेकर नहीं हुआ क्योंकि आदित्य विधायक भी हैं। उस बैठक में उद्धव की पत्नी रश्मि ठाकरे के भतीजे वरुण सरदेसाई की मौजूदगी ने सबको हैरान कर दिया। लोगों ने पूछा कि वरुण ने बिना किसी पद पर रहते हुए मीटिंग कैसे अटेंड किया? एनसीपी ने भी इसके लिए उद्धव को खरी-खरी सुनाई है।

सरदेसाई ने सफाई देते हुए कहा कि बैठक में किसी संवेदनशील मुद्दे पर बातचीत नहीं की गई। वरुण ने कहा कि बैठक में किसे बुलाना है और किसे नहीं, ये तय करना सीएम का अधिकार है। साथ ही उन्होंने बताया कि वो सीएम उद्धव की ओर से उस बैठक में हिस्सा ले रहे थे। एनसीपी को ये सफाई नहीं पसंद आई। एनसीपी ने कहा कि भले ही यह बहुत बड़ी ग़लती नहीं हो, लेकिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अनुभव की कमी साफ़ दिख रही है।

एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि उद्धव ठाकरे के पास किसी प्रकार का प्रशासनिक अनुभव नहीं है और वो इससे पहले किसी पद पर नहीं रहे हैं, इसीलिए ये ग़लती हुई। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री को चेतावनी देते हुए कहा कि उद्धव इस बात का ध्यान रखें कि भविष्य में ऐसी घटनाएँ दोबारा न हो। कॉन्ग्रेस भी वरुण के बैठक में शामिल होने से ख़ुश नहीं दिखी। पार्टी ने इसपर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। शिवसेना ने डैमेज कंट्रोल करते हुए कहा कि वरुण उत्सुकतावश उस बैठक में चले गए होंगे।

उद्धव ठाकरे ने ये बैठक मुंबई में समुद्री किनारे वाले इलाक़ों व अन्य क्षेत्रों में पर्यटन के बारे में चर्चा करने के लिए बुलाई थी। एक सरकारी अधिकारी ने ‘मिड-डे’ से कहा:

“कोई ऐसा व्यक्ति सरकारी बैठक में कैसे भाग ले सकता है, जो न तो सरकार का हिस्सा है और न ही कोई जनप्रतिनिधि है? वरुण पर्यटन के विशेषज्ञ भी नहीं हैं। ऐसे में उनका इस बैठक में शामिल होने के कोई तुक नहीं है।”

जहाँ उद्धव ठाकरे के परिवार के सदस्य बिना किसी पद पर रहे मुख्यमंत्री की बैठक में हिस्सा ले रहे हैं, आम कार्यकर्ताओं को ये छूट नहीं है। शिवसेना की यूथ विंग ‘युवा सेना’ की बैठक में सभी कार्यकर्ताओं को स्पष्ट हिदायत दी गई कि शिवसेना का कोई भी सदस्य मंत्रालय में कोई काम करवाने के लिए न जाए, क्योंकि पार्टी अब सत्ता में है। वहीं वरुण ने कहा कि उन्होंने बैठक में जाकर कोई ग़लती नहीं की है। उस बैठक में उद्धव ने मुंबई में मछलीघर बनाने और संजय गाँधी नेशनल पार्क में ‘नाइट सफारी’ को विकसित करने को लेकर चर्चा की।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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