महाराष्ट्र विधानसभा में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र ने एक-दूसरे को लेकर टिप्पणी की। जहाँ उद्धव ने कहा कि फडणवीस हमेशा उनके दोस्त रहेंगे, देवेंद्र फडणवीस ने एक शायरी के माध्यम से अपनी बात रखी। उद्धव ठाकरे ने बताया कि जब उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें फोन कर के बधाई दी थी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों की समस्याएँ सुलझाने में महाराष्ट्र सरकार की मदद करनी चाहिए। ठाकरे ने कहा कि विपक्ष के नेताओं को पीएम मोदी से मुलाक़ात कर राज्य के लिए वित्तीय मदद माँगनी चाहिए।
इससे पहले राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सदन को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार स्थानीय नागरिकों को प्राइवेट सेक्टर में 80% नौकरी देने का क़ानून बनाने जा रही है। वहीं फडणवीस ने इस शेर के माध्यम से अपंनी वापसी का संकेत दिया:
मेरा पानी उतरता देख
किनारे पर घर मत बना लेना,
मैं समंदर हूँ
लौटकर जरूर आऊँगा
यह भी गौर करने लायक है कि 2010 में जब गुजरात के तत्कालीन गृह मंत्री अमित शाह को गिरफ़्तार किया गया था, तब उन्होंने यही शेर पढ़ा था। वह 3 महीने जेल में रह कर अक्टूबर 2010 में निकले थे। उस समय पी चिदंबरम देश के गृह मंत्री थे। फ़िलहाल चिदंबरम तिहाड़ जेल में बंद हैं।
वहीं महाराष्ट्र की बात करें तो सीएम उद्धव ठाकरे ने फडणवीस की शायरी पर तंज कसा। उद्धव ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि वो वापस आएँगे लेकिन फिर भी वो इस सदन में आ गए। उन्होंने कहा कि सालों तक उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रहे लोग आज उनके साथ सरकार में हैं और दशकों तक उनके साथी रहे लोग आज विपक्ष की बेंच पर बैठे हुए हैं। एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने भी फडणवीस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने वापसी की तो बात की है लेकिन लौटने के बाद वो कहाँ बैठेंगे, ये नहीं बताया। पाटिल ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष होने के नाते फडणवीस भी मुख्यमंत्री के स्तर के पद पर ही हैं।
Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray: Centre should help Maharashtra in helping farmers of the state. Opposition leaders should go and meet Prime Minister and demand financial assistance for the farmers. https://t.co/20gdlDEmrA
— ANI (@ANI) December 1, 2019
पाटिल ने उम्मीद जताई कि फडणवीस अब ठाकरे सरकार को अपदस्थ करने का कोई प्रयास नहीं करेंगे। वहीं फडणवीस ने कहा कि सरकार को जब भी उनकी ज़रूरत पड़ेगी, वो हाज़िर रहेंगे। उन्होंने कहा कि वो उद्धव के साथ 5 वर्षों तक काम करने के लिए उन्हें धन्यवाद देते हैं। उन्होंने सरकार से माँग करते हुए कहा कि किसानों को फसल क्षति के लिए 25000 रुपए प्रति हेक्टेयर दिए जाने चाहिए।
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