क्या महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे राज्य की सत्ताधारी गठबंधन में चल रही कलह से परेशान होकर CM पद से इस्तीफा देने की सोच रहे हैं? ये किसी विपक्षी नेता ने नहीं बल्कि उनकी ही सहयोगी पार्टी के नेता ने दावा किया है। कॉन्ग्रेस के पूर्व सांसद यशवंत राव गडाख ने कहा है कि अगर शिवसेना-एनसीपी-कॉन्ग्रेस गठबंधन के नेता इस तरह लड़ते रहे तो उद्धव मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने इस दौरान अपनी ही पार्टी पर निशाना साधा। यशवंतराव ने कहा कि कॉन्ग्रेस और एनसीपी के नेतागण बँगलों और विभागों के आवंटन में लगातार बाधा डाल रहे हैं।
ख़ुद शिवसेना नेताओं ने भी स्वीकारा है कि गठबंधन में मंत्रियों को विभाग आवंटन के मुद्दे पर खींचतान चल रही है। महाराष्ट्र में हाल ही में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में 36 नए मंत्री बनाए गए थे, जिसके बाद से ही तीनों दलों में कई नेताओं के नाराज़ होने का दौर जारी है। ऑपइंडिया ने एक ख़बर में बताया था कि कॉन्ग्रेस के अधिकतर विधायक ग्रामीण इलाक़ों से जीत कर आए हैं। ऐसे में, पार्टी को सहकारिता, कृषि और ग्रामीण सम्बन्धी एक भी विभाग न मिलना पार्टी नेताओं के बीच नाराज़गी की वजह बन रही है।
कुछ दिनों पहले पुणे के कॉन्ग्रेस नेताओं ने अपनी ही पार्टी के दफ्तर में जम कर तोड़फोड़ मचाई थी। वहीं शिवसेना के नाराज़ विधायकों की संख्या भी एक दर्जन के क़रीब बताई जा रही है। कई मंत्री इसीलिए भी परेशान हैं कि उन्हें मलाईदार मंत्रालय नहीं दिए गए। रामदास कदम, रवींद्र वायकर, शिवसेना नेता दिवाकर रावते और दीपक केसरकर पिछली राजग सरकार में मंत्री थे और इस बार उन्हें किनारे कर दिया गया है।
Yashwantrao Gadakh, Congress in Newasa: If your (Congress & NCP) ministers will keep on hampering the working of the government over issues such as allotment of bungalows and portfolios, CM Uddhav Thackeray will be forced to submit his resignation. #Maharashtra (12.01.20) pic.twitter.com/Mt696jaTjk
— ANI (@ANI) January 13, 2020
सारे मलाईदार मंत्रालय शरद पवार की पार्टी के पास चले गए हैं, ऐसे में कॉन्ग्रेस और शिवसेना नेताओं में नाराज़गी का कारण स्पष्ट है। कुछ विधायक मंत्रिमंडल विस्तार में परिवारवाद को बढ़ावा दिए जाने के कारण भी नाराज़ हैं। इन्हीं कारणों से कॉन्ग्रेस नेता यशवंतराव ने कहा कि उद्धव ठाकरे क्रोधित होकर इस्तीफा दे सकते हैं।