पश्चिम बंगाल में एनआरसी के मुद्दे को लेकर आतंकी संगठन ‘लश्कर-ए-तैयबा’ ने केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर को धमकी भरा पत्र भेजा है। शांतनु ने दावा किया कि पत्र उन्हें सोमवार (08 अप्रैल 2024) को डाक से भेजा गया था। केंद्रीय मंत्री ने राज्य की सत्ताधारी पार्टी पर भी तीखे शब्दों में हमला बोला। ये पत्र नजरुल इस्लाम साहिब अली और फैज अली नाम के व्यक्तियों ने भेजा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शांतनु ठाकुर को कथित तौर पर लश्कर के नाम से भेजा गया पत्र बांग्ला भाषा में लिखा गया है। पत्र में लिखा है, “शांतनु बाबू मुझे आशा है कि आप ठीक हैं। मैं आपको बता दूँ कि अगर पश्चिम बंगाल में एनआरसी हुआ और एनआरसी के कारण मुसलमानों पर कोई अत्याचार हुआ तो पश्चिम बंगाल और पूरा भारत जल उठेगा। आपका टैगोर हाउस उड़ा दिया जाएगा। ठाकुरबाड़ी में किसी भी व्यक्ति को रहने नहीं दिया जायेगा। क्या आपने लश्कर-ए-तैयबा का नाम सुना है? हम लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य हैं।”
केंद्रीय मंत्री ने लश्कर द्वारा धमकी भरे पत्र भेजे जाने को लेकर राज्य की तृणमूल सरकार पर हमला बोला है। शांतनु ने कहा, मैं इस राज्य के मुख्यमंत्री और सरकार को सूचित करना चाहता हूं कि सोमवार को दोपहर 2:10 बजे आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने मुझे एक धमकी भरा पत्र भेजा। उसमें लिखा है कि एनआरसी पर कुछ भी ज्यादती की तो ठाकुरबाड़ी को उड़ा दिया जाएगा। मैं मुख्यमंत्री से कहना चाहता हूँ कि कोई आतंकवादी संगठन राज्य के सांसद और मंत्री को इस तरह से धमकी नहीं दे सकता। बंगाल में अलोकतांत्रिक स्थिति पैदा हो गई है। ऐसे उग्रवादी समूह तृणमूल के समर्थन से पोषित हो रहे हैं और हमें धमकी दे रहे हैं। मैं गृह मंत्री को बताऊँगा। मुझे इंसाफ चाहिए, यह घटना बंगाल के लिए बेहद शर्मनाक है।
LIVE: শ্রীধাম ঠাকুরনগর ঠাকুরবাড়িতে সাংবাদিকদের মুখোমুখি কেন্দ্রীয় মন্ত্রী এবং বনগাঁ লোকসভার বিজেপি প্রার্থী শ্রী @Shantanu_bjp pic.twitter.com/N2k8t3KLyj
— BJP West Bengal (@BJP4Bengal) April 8, 2024
केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर को धमकी भरा पत्र उत्तर 24 परगना के देगंगा के हादीपुर गाँव से भेजा गया है। बता दें कि कुछ समय पहले शांतनु ठाकुर ने एक बयान दिया था, जिसपर काफी बवाल भी हुआ था। उन्होंने एक जनसभा के दौरान कहा था, “तृणमूल कॉन्ग्रेस की आप मत सुनो। आप में से कोई भी अपनी जॉब व प्रॉपर्टी नहीं खोएगा। अपने साथ तृणमूल कॉन्ग्रेस के लोगों को साथ लेकर मत चलो। हम किसी भी तृणमूल के सदस्य को नागरिकता प्रदान नहीं करेंगे।’