Monday, December 23, 2024
Homeराजनीति'मैं तो एक योगी हूँ, मुख्यमंत्री के रूप में राजधर्म का शपथ लिया है...

‘मैं तो एक योगी हूँ, मुख्यमंत्री के रूप में राजधर्म का शपथ लिया है परिवार का नहीं’: बहन की संघर्ष भरी जिंदगी देख भावुक हुए CM योगी

सीएम योगी ने 22 साल की उम्र में घर-बार छोड़ कर संन्यास धारण कर लिया था। उनके घर का नाम अजय सिंह बिष्ट था। घर छोड़ने के बाद वह गोरखपुर आ गए और गोरखनाथ पीठ के तत्कालीन महंत अवैद्यनाथ महाराज के सान्निध्य में दीक्षा प्राप्त कर संन्यासी बन गए। उसके बाद उनका नाम योगी आदित्यनाथ हो गया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने अपनी बहन की गरीबी और उनके संघर्ष को देखकर और भावुक हो गए। उनकी आँखें डबडबा आईं और गला रुँध गया। परिवार की मदद पर उन्होंने कहा कि वे एक योगी हैं और मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने राजधर्म का शपथ लिया है, परिवार का नहीं।

दरअसल, इंडिया टीवी के एक स्पेशल शो में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए थे। उस दौरान शो के होस्ट रजत शर्मा उनसे प्रदेश की राजनीति को लेकर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस के महासचिव राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) अपनी बहन प्रियंका गाँधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) को चुनाव में ला सकते हैं तो वो ऐसा क्यों नहीं कर सकते। इस दौरान उनकी बहन के कुछ फोटो स्क्रीन पर चलाए गए, जिनमें वह मवेशियों को चारा खिलाते हुए और एक बेहद छोटी-सी दुकान चलाती नजर आ रही हैं।

रजत शर्मा ने कहा कि आपकी बहन कई किलोमीटर घर से चलकर आती हैं। एक चाय की दुकान चलाती है, प्रसाद की दुकान चलाती हैं। आपको नहीं लगता कि सब अपने परिवार का ध्यान रखते हैं, आप भी थोड़ा ध्यान रखते। इस पर भावुक होते हुए सीएम योगी ने भरी आँखों और रुँधे गले से उन्होंने कहा, मैं तो एक योगी हूँ। मुझे पूरे प्रदेश का ध्यान रखना होता है। एक मुख्यमंत्री के रूप में मैंने राजधर्म की शपथ ली है, अपने परिवार की नहीं। मेरे लिए पूरे उत्तर प्रदेश के 25 करोड़ लोग ही मेरा परिवार है। मैं उनके सुख-दुख में सहभागी हूँ।”

परिवार का दर्द नहीं समझने के आरोप पर सीएम योगी ने कहा कि एक संन्यासी का काम लोक-कल्याण करना होता है। राजनीति में आने का मकसद लोक-कल्याण है। कुछ लोगों के लिए परिवार का मतलब सिर्फ सैफई खानदान है। उन्होंने कहा, ”उनके (अखिलेश परिवार) के लिए उनका परिवार प्रचार कर रहा है, मेरे लिए मेरा परिवार (यूपी की जनता) प्रचार कर रहा है। मैं तो जनता के बीच जाने की एक औपचारिकता निभा रहा हूँ। मेरे लिए यहाँ (गोरखपुर की) पब्लिक स्वयं चुनाव लड़ रही है। यहाँ तो हमारे कार्यकर्ता स्वयं योगी बनकर वोट मांग रहे हैं।” उन्होंने कहा कि गोरखपुर उनकी कर्मभूमि है और वहाँ के लोग उनका चुनाव लड़ रहे हैं।

बता दें कि सीएम योगी का परिवार बेहद गरीबी में जीवन-यापन करता है। उनकी इकलौती बहन शशि देवी अपने ससुराल ऋषिकेश के कोठार गाँव में पति पूरन सिंह पयाल के साथ चाय की दुकान चलाती हैं। उनकी एक दुकान नीलकंठ मंदिर के पास है और दूसरी भुवनेश्वरी मंदिर (पार्वती मंदिर) के पास है। इन दुकानों में चाय, पकौड़ी और प्रसाद मिलता है। शशि के तीन बच्चे हैं- एक बेटा और दो बेटियाँ। सीएम योगी 7 भाई-बहन हैं और अपने माता-पिता की 5वीं संतान हैं। उनका एक भाई शैलेंद्र मोहन भारतीय सेना में सूबेदार हैं।

सीएम योगी ने 22 साल की उम्र में घर-बार छोड़ कर संन्यास धारण कर लिया था। उनके घर का नाम अजय सिंह बिष्ट था। घर छोड़ने के बाद वह गोरखपुर आ गए और गोरखनाथ पीठ के तत्कालीन महंत अवैद्यनाथ महाराज के सान्निध्य में दीक्षा प्राप्त कर संन्यासी बन गए। उसके बाद उनका नाम योगी आदित्यनाथ हो गया। उसके बाद वह पीठ के महंत और बाद में गोरखपुर से सांसद बने। अब वे प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -