महाराष्ट्र (Maharashtra) के मालेगाँव ब्लास्ट (Malegaon blast) मामले में एक और गवाह के अपने बयान से पलटी मारने के बाद कॉन्ग्रेस की छीछालेदर शुरू हो गई है। RSS के नेता इंद्रेश कुमार के बाद अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Aadityanath) ने कॉन्ग्रेस के इस कृत्य को देश के खिलाफ अपराध बताया और कहा कि इसके लिए कॉन्ग्रेस को माफी माँगनी चाहिए।
उन्होंने फर्रूखाबाद में एक रैली के दौरान कॉन्ग्रेस (Congress) पर निशाना साधते हुए कहा, “आपने महाराष्ट्र ATS का एक बयान देखा होगा। उस समय कैसे भाजपा के कार्यकर्ताओं, नेताओं, RSS के नेताओं, हिंदू नेताओं को कैसे ये लोग झूठे मुकदमों में फँसाने का काम करते थे। आपने मालेगाँव विस्फोट में देखा होगा। कॉन्ग्रेस की ये शरारत देश के खिलाफ एक अपराध है और कॉन्ग्रेस के लोगों को इसके लिए माफी माँगनी चाहिए देश की जनता से। आतंकवादियों को प्रेरित और पोषित करने वाली कॉन्ग्रेस देश के साथ कैसे खिलवाड़ कर रही है, ये किसी से छुपा नहीं है।”
कांग्रेस की यह शरारत देश के खिलाफ एक अपराध है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 29, 2021
कांग्रेस के लोगों को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए… pic.twitter.com/aNqG3fukmp
सीएम योगी ने आगे कहा, “पहले जब ये सत्ता में थे तो आतंकियों को प्रेरित और प्रोत्साहित करते थे और हिंदू संगठनों के खिलाफ झूठे केस दर्ज करते थे, लेकिन आज जब ये सत्ता से बाहर हैं तो ये हर उस कार्य का विरोध कर रहे हैं, जो जनता के हित में होता है।”
इससे पहले इस मामले में RSS नेता इंद्रेश कुमार (Indresh kumar) ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan singh) और कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी (Sonia Gandhi) से माफी की माँग की थी। उन्होंने कहा था, “कॉन्ग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए ने ‘भगवा’ के खिलाफ साजिश रची। इसे आतंकवाद से जोड़ा। धार्मिक नेताओं को बदनाम करने और लोगों को गिरफ्तार करने के लिए एजेंसी का दुरुपयोग करने का प्रयास किया, लेकिन वे बुरी तरह विफल रहे।”
क्या है मामला
साल 2008 में महाराष्ट्र के मालेगाँव बम विस्फोट मामले में एक गवाह ने महाराष्ट्र के एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए (28 दिसंबर 2021) को NIA कोर्ट को बताया था कि ATS ने उस पर उत्तर प्रदेश के वर्तमान सीएम योगी आदित्यनाथ और आरएसएस के चार लोगों का नाम लेने के लिए मजबूर किया था।
गवाह ने कोर्ट को बताया कि ATS ने उसे भाजपा के तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ के अलावा RSS के इंद्रेश कुमार, देवधर, काकाजी और स्वामी असीमानंद का नाम लेने के लिए मजबूर किया था।