समाजवादी पार्टी (सपा) द्वारा ‘अब्बाजान’ शब्द पर आपत्ति जताए जाने के बाद मंगलवार (17 अगस्त 2021) को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद में सत्र की कार्यवाही के दौरान कहा कि अब्बाजान शब्द कब से असंसदीय हो गया?
सत्र की कार्यवाही के दौरान सीएम आदित्यनाथ ने विपक्ष को निशाने पर लिया और सपा से सवाल किया कि ‘अब्बाजान’ कब से असंसदीय हो गया? साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सपा को मुस्लिम वोट तो चाहिए लेकिन अब्बाजान से परहेज है। सीएम आदित्यनाथ ने यह बात तब कही जब सपा के सदस्य हंगामा करते हुए सदन के वेल तक जा पहुँचे।
सीएम आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि उन्होंने किसी का नाम भी नहीं लिया लेकिन वो कौन से चेहरे हैं जो कहते थे कि वैक्सीन नहीं लेंगे, वैक्सीन भाजपा की है, मोदी की है लेकिन जब इनके अब्बाजान ने वैक्सीन लगवाई तब सब लगवा रहे हैं। उन्होंने कोरोना वायरस महामारी से निपटने में प्रदेश के प्रयासों के बारे में बात करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश और प्रदेश ने किस तरीके से कोरोना से लड़ाई की है, वह किसी से छुपा हुआ नहीं है। सीएम आदित्यनाथ ने कहा कि Covid-19 के संक्रमण की जाँच का पहला सैम्पल पुणे भेजने वाला राज्य आज 4 लाख टेस्ट रोजाना कर रहा है।
ज्ञात हो कि सीएम आदित्यनाथ ने तंज कसते हुए कहा था, “उनके अब्बाजान (मुलायम सिंह यादव) कहते थे कि वहाँ (अयोध्या में) परिंदे को भी पर नहीं मारने देंगे, लेकिन अब वहाँ राम मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है। अगले तीन साल में वहाँ एक बड़ा भव्य मंदिर होगा।” उन्होंने यह भी कहा था कि 1990 में भी कहा गया था कि जहाँ रामलला विराजमान हैं, वहीं मंदिर बनेगा, तब इन लोगों ने गोली चलवा दी थी, लेकिन अब मंदिर का काम शुरू हो चुका है और जल्द इसे पूरा किया जाएगा।
सीएम आदित्यनाथ द्वारा अब्बाजान शब्द का उपयोग किए जाने पर अखिलेश यादव गुस्सा हो गए थे और उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री उनके पिता के बारे में ऐसी भाषा का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं? मुख्यमंत्री को अपनी भाषा पर संतुलन रखना चाहिए और अगर सीएम आदित्यनाथ उनके पिता के बारे में कहेंगे तो अपने पिता के बारे में भी सुनने के लिए तैयार रहें।
अखिलेश यादव द्वारा अब्बा शब्द पर आपत्ति जताने के बाद यूपी के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने सपा अध्यक्ष पर सवाल खड़े किए थे। सिद्धार्थनाथ सिंह ने अखिलेश यादव से पूछा था कि जब मुलायम सिंह यादव उन्हें ‘टीपू’ बुलाते हैं तो उन्हें अपने पिता के लिए ‘अब्बा’ शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति क्यों है?