CAA के ख़िलाफ आए दिन सड़कों पर उतर कर हिंसा करने वालों के खिलाफ उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अख्तियार दिखाया है। विधानसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में उन्होंने कहा कि यूपी में मारे गए 21 दंगाइयों में से किसी की भी मौत पुलिस की गोली लगने से नहीं हुई है। इसलिए मारे गए दंगाइयों के परिजनों को मुआवजा देने का कोई प्रावधान नहीं है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक समाजवादी पार्टी के विधायक राकेश प्रताप सिंह द्वारा विधानसभा में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य के खिलाफ सड़कों पर उपद्रव करने वाले लोगों को राहत देने के लिए राज्य सरकार का ऐसा कोई प्रावधान नहीं हैं, जिससे पिछले 6 महीने में दंगे में मरने वाले लोगों के परिवारों को मुआवजा दिया जा सके। उन्होंने आगे कहा कि मुआवजा देने का कोई सवाल ही नहीं है।
CAA विरोध प्रदर्शनों में मारे गए लोगों के परिवारों को मुआवजा देने का कोई प्रावधान नहीं:@myogiadityanath
— दीप मणि त्रिपाठी (@deep_mani1) February 26, 2020
क्यु दे मुआवजा जिसने देश की सम्पत्तियों को नष्ट किया हो जिसने देश के विकास में बाधा उत्पन्न की ऐसे लोगों को सिर्फ और सिर्फ दंड देने की जरूरत है!!
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सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह भी बताया कि पिछले महीनों में सीएए के ख़िलाफ हुए विरोध-प्रदर्शनों में दंगाइयों की पत्थरबाजी से 400 पुलिसकर्मी घायल हुए, जबकि 61 पुलिसवालों को गोलियाँ लगी। 19-20 दिसंबर को सीएए के ख़िलाफ हुए राज्य में हुए विरोध-प्रदर्शनों के दौरान भीड़ की हिंसा में 21 लोग मारे गए थे। लेकिन इनमें से किसी की भी मौत पुलिस की गोली से नहीं हुई है। सीएम योगी ने पिछले हफ्ते कहा था कि दंगाइयों की मौत दंगाइयों के हाथों ही हुई है।
इससे पहले भी योगी ने दंगाइयों से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने बात की थी। हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए दंगाइयों की संपत्ति जब्त करने की बात कही थी। इतना ही नहीं इसे अमल में लाने और दंगाइयों को सबक सिखाने के लिए यूपी सरकार ने करीब 498 लोगों की संपत्तियों को जब्त करने के लिए चिन्हित किया था। गौरतलब है कि बुलंदशहर के मुस्लिमों ने जिला मजिस्ट्रेट को 6 लाख रुपए का भुगतान किया था।
दरअसल सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने विधानसभा में पिछले 6 महीने में दंगे से जुड़ी घटनाओं में मारे गए लोगों की संख्या को लेकर सवाल किया था। उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या सरकार पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने के लिए कोई प्रावधान बनाएगी।