Wednesday, November 6, 2024
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प्रवासियों को उकसाने वाला विनय दुबे गिरफ्तार, लॉकडाउन में बांद्रा की मस्जिद के पास जुटे थे सैकड़ों

प्रवासियों को उकसाते हुए कहा कि उनके पास सिर्फ दो विकल्प शेष हैं- या तो वह जहाँ हैं वहाँ भूख से मर जाएँ या फिर अपने परिवार तक पहुँच जाएँ, क्योंकि उनके घरों में उनके बच्चे, उनके माता-पिता, पत्नी व उनका गाँव उनका इंतजार कर रहा है।

मुंबई पुलिस ने विनय दुबे को गिरफ्तार कर लिया है। उस पर प्रवासी मजदूरों को गुमराह करने और लॉकडाउन में उन्हें सड़क पर उतरने के लिए उकसाने का आरोप है। मुंबई में सोमवार को बांद्रा और व मुंब्रा में हजारों प्रवासी सड़क पर आ गए थे। हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को बल का प्रयोग कर व मजहबी नेताओं को अल्लाह का हवाला देकर भीड़ को तितर-बितर करना पड़ना।

इस संबंध में नवी मुंबई पुलिस ने विनय दुबे नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया। विनय पर आरोप है कि वह 18 अप्रैल को कुर्ला में प्रवासी मजदूरों के बड़े आंदोलन की धमकियाँ पुलिस को दे रहा था। इसके अलावा उसका एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें वह न केवल राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के ख़िलाफ़ ह़़जारों प्रवासियों को भड़काता दिख रहा है, बल्कि सरकार को चेतावनी भी दे रहा है।

पुलिस ने बताया कि दुबे को IPC की धारा 117, 153 A, 188, 269, 270, 505 (2) और महामारी रोग अधिनियम की धारा 3 के तहत गिरफ्तार किया गया है।

फेसबुक पर पोस्ट वीडियो में दुबे उत्तर प्रदेश तक प्रवासियों की पदयात्रा का नेतृत्व करने की बात कर रहा है। इसलिए अगर, लोग उसका साथ देना चाहते हैं, तो वे उससे व्हॉट्सअप पर संपर्क करें। इसके अलावा विनय अपनी वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की और केंद्र सरकार की आलोचना करता दिखा। उसने लॉकडाउन के संबंध में केंद्र सराकर को अल्टीमेटम दिया कि या तो वे 14 और 15 अप्रैल तक सभी परेशानियों का निवारण करें वरना वो 20 अप्रैल से पदयात्रा शुरू कर देगा। खुद को सामाजिक कार्यकर्ता और उद्यमी बताने वाले विनय दुबे भाजपा के खिलाफ लगातार जहर उगलता रहा है। एनसीपी और मनसे के नेताओं से उसकी करीबी दिखाई पड़ती है। उसके फेसबुक अकाउंट से अपलोड फोटोज में से एक में वह मनसे प्रमुख राज ठाकरे के साथ दिखाई देता है।

उल्लेखनीय है कि वीडियो में दुबे ने न केवल महाराष्ट्र के प्रवासियों को सड़कों पर आने के लिए उकसाया बल्कि पूरे देश के प्रवासियों से लॉकडाउन को खारिज करने की माँग की। उसने वीडियो में बार-बार दोहराया कि भूख से मरने से अच्छा है कि कोरोना से मर जाया जाए। दुबे ने वीडियो में मजदूरों को इस बात का भी आश्वासन दिया पदयात्रा के दौरान वह सभी लोगों के खाने-पीने का ध्यान रखेगा। उसने प्रवासियों को उकसाते हुए कहा कि उनके पास सिर्फ दो विकल्प शेष हैं- या तो वह जहाँ हैं वहाँ भूख से मर जाएँ या फिर अपने परिवार तक पहुँच जाएँ, क्योंकि उनके घरों में उनके बच्चे, उनके माता-पिता, पत्नी व उनका गाँव उनका इंतजार कर रहा है।

बता दें, विनय की एक वीडियो यूट्यूब पर भी 14 अप्रैल को डाली गई थी। इसमें वह प्रवासियों से अपील करता दिखा कि वह निकलकर बाहर आएँ और लोकमान्य तिलक टर्मिनस पर एकत्रित हों। गौरतलब हो कि सिर्फ़ मुंबई ही नहीं, इस वीडियो में उसने पूरे देश के प्रवासियों से अपने आसपास के रेलवे स्टेशन पर एकत्रित होने की बात की। उसने कहा कि लोग लाखों की तादाद में आएँ और केंद्र व राज्यसरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करें। अपनी वीडियोज में उसने बालासाहेब ठाकरे के प्रति प्रेम भी व्यक्त किया। साथ ही महाराष्ट्र सीएम को उसकी माँगों पर ध्यान देने की नसीहत दी। उसने कहा कि अगर बालासाहेब ठाकरे जिंदा होते तो शिवसेना के लोग उनकी बातों पर ध्यान देते।

महाराष्ट्र में प्रवासियों को सरकार के ख़िलाफ़ भड़काकर इकट्ठा करने वाले इस शख्स के बारे में ज्ञात हो कि ये शाहीन बाग में हुए एंटी सीएए प्रदर्शनों में भी गया था। जहाँ इसने न केवल भाषण दिया था बल्कि अभद्र टिप्पणी भी की थी। अब इस मामले में इसका नाम सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का दावा है कि महाराष्ट्र मंत्री अनिल देशमुख इसे निजी तौर पर जानते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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