Sunday, November 17, 2024
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पश्चिम बंगाल में कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने रिया चक्रवर्ती के समर्थन में निकाली रैली: बंगाल की बेटी कहते हुए लगाए नारे

कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने रैली के दौरान रिया चक्रवर्ती के समर्थन में नारे लगाए। उन्होंने बैनर और तख्तियाँ लेकर दावा किया कि रिया की गिरफ्तारी राजनीतिक साजिश का हिस्सा थी।

पश्चिम बंगाल राज्य मे अस्तित्वगत संकट से जूझ रही कॉन्ग्रेस पार्टी ने आरोपित रिया चक्रवर्ती के मामले को अपने राजनीतिक फायदे को देखते हुए एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में भुनाना चाहा। कोरोनोवायरस महामारी के बीच सैकड़ों कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने शनिवार (12 सितंबर, 2020) को पश्चिम बंगाल के कोलकाता की सड़कों पर उतरकर अभिनेत्री रिया के लिए न्याय की माँग करते हुए उसे ‘बंगाल की बेटी’ कहा।

बता दें नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा ड्रग कार्टेल में उसकी भागीदारी के सबूत मिलने के बाद रिया को बाइकुला जेल में रखा गया है। कथित रूप से कॉन्ग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के निर्देश पर यह रैली कॉन्ग्रेस कार्यालय से निकाली गई थी। चौधरी पश्चिम बंगाल प्रदेश कॉन्ग्रेस कमेटी के वर्तमान अध्यक्ष भी हैं। हालाँकि, वह खुद रैली के दौरान मौजूद नहीं थे। यह बताया जा रहा है कि उन्होंने ही रैली निकालने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को फोन किया था।

कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने रैली के दौरान रिया चक्रवर्ती के समर्थन में नारे लगाए। उन्होंने बैनर और तख्तियाँ लेकर दावा किया कि रिया की गिरफ्तारी राजनीतिक साजिश का हिस्सा थी।

गौरतलब है कि कॉन्ग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कोलकाता में पीसीसी अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के बाद रिया चक्रवर्ती को एक बंगाली ब्राह्मण महिला ’के रूप में वर्णित किया था और ड्रग के आरोपों में उनकी गिरफ्तारी को बेतुका करार दिया था।

संभवत: अधीर रंजन चौधरी ने आगामी 2021 पश्चिम बंगाल राज्य चुनावों से पहले राज्य के मतदाताओं को लुभाने की अपनी बेताब कोशिश में, कुशलतापूर्वक अपनी पार्टी को सबसे पुराने और ‘धर्म और जाति-आधारित’ कथनों में शामिल करने की कोशिश की है।

सुशांत के मामले में आरोपों से घिरी उनकी प्रेमिका रिया चक्रवर्ती को लेकर कॉन्ग्रेस एमपी ने बुधवार को ट्वीट करते हुए कहा था, “रिया के पिता सेना के एक अधिकारी रह चुके हैं और उन्होंने देश की सेवा की है। रिया एक बंगाली ब्राह्मण महिला भी हैं; सुशांत को न्याय की व्याख्या, बिहारी के लिए न्याय की व्याख्या नहीं होनी चाहिए। रिया के पिता को भी अपने बेटी के लिए न्याय माँगने का हक मिलना चाहिए। किसी भी मामले का मीडिया ट्रायल हमारी न्यायिक व्यवस्था के लिए शुभ नहीं है। सभी को न्याय मिले यही हमारे संविधान का मूल सिद्धांत है।”

उल्लेखनीय है कि इस बीच सुशांत सिंह राजपूत मामले से जुड़े ड्रग्स के आरोप में गिरफ्तार रिया चक्रवर्ती की जमानत याचिका को आज मुंबई की एक अदालत ने खारिज कर दिया। उसके भाई शौविक चक्रवर्ती और चार अन्य आरोपितों की जमानत याचिका भी खारिज कर दी गई है।

रिया चक्रवर्ती 22 सितंबर तक बाइकुला जेल में न्यायिक हिरासत में रहेंगी। वहीं सोमवार को लिखित आदेश जारी होने के बाद वह जल्द से जल्द उच्च न्यायालय में अपील कर सकती हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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