शुक्रवार (16, अप्रैल) को चुनाव आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल में सर्वदलीय बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया कि शाम को 7 बजे से सुबह 10 बजे तक कोई चुनाव प्रचार नहीं होगा। इसके साथ ही यह निर्णय लिया गया कि अगले तीन चरण के चुनावों में प्रत्येक चरण में मतदान के 72 घंटे पहले चुनाव प्रचार रोक दिया जाएगा। कोविड-19 के बढ़ते मामलों और पश्चिम बंगाल में हो रहे चुनावों के दौरान आयोजित रैलियों में उमड़ती हुई भीड़ को देखते हुए चुनाव आयोग ने यह निर्णय लिया है।
पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में होने वाले चुनाव में अब चार चरण ही बाकी हैं जिनमें से कल (17, अप्रैल) को चौथे चरण का मतदान संपन्न हो जाएगा। ऐसे में सभी पार्टियाँ चुनाव प्रचार के लिए अपना पूरा जोर लगा रही हैं। चुनावी रैलियों में उमड़ती हुई भारी भीड़ और देश भर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए चुनाव आयोग से उचित कार्रवाई की माँग की जा रही थी। इसी क्रम में आज (16, अप्रैल) को चुनाव आयोग ने सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया। इसमें चुनाव प्रचार और चुनावी रैलियों के दौरान कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार को रोकने के उपायों पर चर्चा की गई।
चुनाव आयोग ने निर्णय लिया है कि शाम को 7 बजे से सुबह 10 बजे तक किसी भी प्रकार का चुनाव प्रचार नहीं होगा। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया है कि प्रत्येक चरण के मतदान से 72 घंटे पहले ही चुनाव प्रचार रोक दिया जाएगा।
Election Commission (EC) curtails the timing of the campaign up to 7 PM. There shall not be any campaign between 7 PM and 10 AM on campaign day. Silence period extended from 48 hours to 72 hours in each of the remaining three phases in West Bengal: EC pic.twitter.com/anHbexpNqG
— ANI (@ANI) April 16, 2021
चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि प्रत्याशियों और राजनैतिक दलों को कोविड गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन करना होगा अन्यथा गाइडलाइंस का उल्लंघन करने पर कानूनी फ्रेमवर्क के आधार पर अपराधिक कार्रवाई की जाएगी।
Candidates & Political Parties shall ensure absolute, repeat absolute, adherence to Covid guidelines in letter and spirit. Violations, if any shall be sternly dealt with and action, including criminal action, taken as per extant legal framework: Election Commission
— ANI (@ANI) April 16, 2021
रैलियों में आने वाली भीड़ की संक्रमण से सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए चुनाव आयोग ने आदेशित किया है कि पब्लिक मीटिंग अथवा रैलियों में लोगों को मास्क और सैनिटाइजर वितरित करने की जिम्मेदारी आयोजक अथवा प्रत्याशी की होगी। मास्क तथा सैनिटाइजर का खर्च आयोजक को स्वयं वहन करना होगा और इसे चुनावी खर्च की तय सीमा में ही जोड़ा जाएगा।
It shall be the responsibility of the organisers of public meetings, rallies, etc to provide masks and sanitisers to every person attending these meetings, rallies, etc at their cost which shall be added and counted within limits of prescribed expenditure: Election Commission
— ANI (@ANI) April 16, 2021
इसके साथ ही चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि स्टार कैम्पेनर्स, नेता, आयोजक और प्रत्याशियों को स्वयं आगे आकर लोगों के सामने उदाहरण पेश करना चाहिए और रैलियों में शामिल लोगों को मास्क पहनने, सैनिटाइजर का उपयोग करने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
Star campaigners/political leaders/candidates/aspiring policymakers shall demonstrate by their personal example& nudge all supporters at beginning of campaigning to wear mask, use sanitisers & maintain social distance & put in place such crowd control measures as necessary: EC
— ANI (@ANI) April 16, 2021
हालाँकि, टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी और उनकी पार्टी चुनाव आयोग से यह माँग कर रही हैं कि शेष बचे चुनाव को एक ही चरण में संपन्न कराया जाए लेकिन फिलहाल चुनाव आयोग द्वारा इस पर कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है।