जयंत नास्कर पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस से ताल्लुक रखते हैं। दक्षिण 24 परगना जिले गोसाबा से लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए हैं। 71 साल के नास्कर इन दिनों दो कारणों से चर्चा में हैं। पहली, राज्य में ममता बनर्जी के नेतृत्व में खुद उनकी पार्टी की सरकार है फिर भी खुद की जान को खतरा बता रहे हैं। दूसरी, उन्होंने अपनी दो आदमकद प्रतिमाएँ बनवा रखी है, जिसकी वे हर सुबह घंटों साफ-सफाई करते हैं। इसके कारण खुद अपनी ही पार्टी के लोग उनका मजाक बना रहे हैं।
जयंत की ये मूर्तियॉं फाइबर ग्लास और मिट्टी से बनी है। उनका कहना है कि कुछ साल पहले अलीपुर सेंट्रल जेल से चार अपराधी फरार हुए थे। जब ये पकड़े गए तो उन्होंने बताया कि नास्कर की हत्या के लिए उनलोगों को सुपारी दी गई थी। यही कारण है कि विधायक जी ने जीते जी ही अपनी मूर्तियॉं बनवा ली है ताकि मरने के बाद भी लोग उन्हें याद रखें।
Sirji Kaam kar doge to log apko yaad rakh lenge.https://t.co/VIfrWaY9YS
— aTrendHub (@aTrendHub) March 13, 2020
नास्कर ने बताया, “अलीपुर जेल से चार अपराधी फरार हो गए। जब वे फिर से पकड़े गए तो उन्होंने स्वीकार किया कि स्थानीय नेताओं ने उन्हें मेरी हत्या के लिए सुपारी दी थी। तत्कालीन जिला पुलिस अधीक्षक प्रवीण त्रिपाठी ने इस बारे में मुझे सूचना दी थी। इसके बाद राज्य सरकार ने मेरी सुरक्षा वाई श्रेणी में कर दी।” उन्होंने कहा, “इसके बाद मैंने अपनी प्रतिमा बनवाने का निर्णय किया ताकि अगर मेरी हत्या होती है तो यह लोगों को मेरी याद दिलाती रहे।”
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार नास्कर की सुरक्षा में 11 पुलिसकर्मी तैनात हैं। हालॉंकि प्रशासन का कहना है कि उन्हें कोई खतरा नहीं है। टीएमसी के जिलाध्यक्ष शौकत मोला के हवाले से बताया गया है कि इस तरह का काम वही व्यक्ति कर सकता है जिसे कोई समझ नहीं हो। 5 बच्चों के पिता नास्कर का कहना है कि खुद की पार्टी के भीतर ही उनके कई दुश्मन हैं। उन्होंने बताया कि अपनी मूर्तियॉं उन्होंने कुछ साल बनवा कर घर के एक कमरे में रखी थी। इसके बारे में लोगों को पता नहीं था। पिछले दिनों पार्टी के एक कार्यक्रम के दौरान कुछ लोगों ने मूर्तियॉं देख ली और फोटो क्लिक कर ली। उन्होंने बताया कि एक मूर्ति स्थानीय स्कूल में लगेगी, क्योंकि 1993 से 2016 तक वे वहॉं के सचिव रहे हैं।
गौरतलब है कि ऐसा करने वाले नास्कर पहले नेता नहीं हैं। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रहते मायावती ने भी अपनी प्रतिमाएँ लगवाई थी। उन्होंने अपनी पार्टी (बसपा) के चुनाव चिहृ हाथी की प्रतिमाएँ बनवाकर प्रमुख स्थानों पर स्थापित किया था।