मनमोहन सिंह के नेतृत्व में केंद्र में 10 साल तक यूपीए की सरकार चली। आरोप लगते रहे हैं कि बतौर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस सरकार के केवल मुखौटे थे। पीछे से सरकार कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी चलाती थीं। अब पंजाब में भी ऐसा ही कुछ करने की तमन्ना कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot singh siddhu) रखते हैं। वे चाहते हैं कि बतौर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit singh channi) वैसे ही उनके इशारे पर चलें, जैसे सोनिया के इशारे पर प्रधानमंत्री रहते मनमोहन सिंह चला करते थे।
सिद्धू की यह ख्वाहिश ऐसे वक्त में सामने आई है जब कॉन्ग्रेस आलाकमान ने पंजाब में मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं घोषित करने का फैसला किया है। राज्य में नए साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं और आलाकमान का यह फैसला सिद्धू के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। एक इंटरव्यू में सिद्धू ने कहा है कि प्रधानमंत्री रहते मनमोहन सिंह तब की कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी से हर मसले पर चर्चा करते थे। उनकी बात माना करते थे। पंजाब कॉन्ग्रेस का अध्यक्ष होने के कारण वे भी ऐसी ही उम्मीद चन्नी से रखते हैं।
दैनिक भास्कर के अरविंद श्रीवास्तव को दिए इंटरव्यू में सिद्धू ने खुद को ईमानदार बताते हुए कहा कि उनकी लड़ाई इस सिस्टम से है और ये व्यवस्था तब तक सही से काम नहीं करेगी, जब तक कि नैतिकता, किरदार और एजेंडे को फॉलो नहीं किया जाएगा। जब सिद्धू से विक्रम मजीठिया के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि 2017 के चुनाव के दौरान बेअदबी और ड्रग्स सबसे बड़े मुद्दे थे। लेकिन चुनाव के बाद उनके अलावा किसी और ने इस मुद्दे को नहीं उठाया।
सिद्धू ने किसान आंदोलन (Farmers protest) का समर्थन करने औऱ अब किसानों के चुनाव लड़ने को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ना सभी का अधिकार है। लेकिन अब किसानों को भी अपना एजेंडा बताना होगा। जैसे तीनों कृषि कानूनों की वापसी से क्या किसानी सुधर गई? आत्महत्या रुकी या नहीं और व्यापारियों को कैसे साथ लेकर चलेंगे।
इसके साथ ही कॉन्ग्रेस नेता ने पुलिस को लेकर दिए गए अपने विवादित बयान को लेकर भी माफी माँगी। उन्होंने कहा कि इससे अगर पुलिस की इमेज खराब होती है तो वे इसके लिए माफी माँगते हैं। बता दें कि सिद्धू ने सुल्तानपुर लोधी में MLA नवतेज चीमा को लेकर बयान देते हुए कहा था कि अगर वह एक खंगारा मारे तो थानेदार पेंट गीली कर देगा।
पंजाब चुनाव में कॉन्ग्रेस के मुख्यमंत्री चेहरा बनाए जाने को लेकर सिद्धू ने कहा कि इसका फैसला चुनाव बाद विधायक करेंगे। गौरतलब है पार्टी आलाकमान ने पंजाब में सीएम चेहरा घोषित नहीं करने का फैसला किया है। कॉन्ग्रेस नेतृत्व स्पष्ट कर चुका है कि विधानसभा चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ा जाएगा, ताकि पंजाब में सभी धर्मों और जाति के मतदाताओं के बीच अपनी पैठ स्थापित की जा सके। पार्टी आलाकमान ने यह भी कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू को जाट नेता, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को दलित चेहरे और सुनील जाखड़ को हिंदू चेहरे के रूप में चुनावी मैदान में उतारा जाएगा।