एनडीटीवी की पूर्व पत्रकार निधि राजदान ने जब से खुद को ‘फिशिंग अटैक’ का शिकार बताया है, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी सुर्खियों में है। यह प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी इसी तरह कुछ साल पहले तब भी खूब चर्चा में रहा था, जब लालू प्रसाद यादव की सांसद बेटी मीसा भारती ने खुद को वहाँ स्पीकर के तौर पर बुलाए जाने का दावा किया था।
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा ने यह दावा साल 2015 में किया था। उन्होंने कहा था कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के कॉन्फ्रेंस में उन्हें बतौर ‘वक्ता’ बुलाया गया था। इस ख़बर के सामने आने पर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने उनके दावों को सिरे से खारिज किया था और कहा था कि वे बतौर ‘ऑडियंस’ शामिल हुई थीं।
दरअसल, राज्यसभा सांसद मीसा भारती ने 7 मार्च 2015 को अपने फेसबुक पेज पर एक तस्वीर साझा की थी। तस्वीर में वह मंच पर खड़े होकर संबोधन करने की मुद्रा में थी। तस्वीर के साथ हिन्दी में कैप्शन भी लिखा हुआ था, “हार्वर्ड में युवाओं की भूमिका पर भाषण देते हुए।” इसके बाद मीडिया ने जोरशोर से यह खबर चलाई कि मीसा भारती ने अमेरिका के मशहूर विश्वविद्यालय में भाषण दिया है। यह कॉन्फ्रेंस 7 और 8 मार्च (साल 2015) को हुई थी। दावा किया गया था कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने मीसा को महिलाओं के विषय पर भाषण देने के लिए बुलाया था।
इसके बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने एक बयान में कहा था, “मीसा भारती को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में हुई कॉन्फ्रेंस में बतौर वक्ता नहीं बल्कि प्रतिभागी के रूप में बुलाया गया था। बतौर प्रतिभागी उनकी मौजूदगी की पुष्टि इस बात से की जा सकती है कि उन्होंने जो टिकट खरीदा था वह ‘ऑडियंस’ का था। उन्हें किसी भी तरह का भाषण देने के लिए नहीं बुलाया गया था।”
इस मामले की जानकारी सामने आते ही हार्वर्ड कैनेडी स्कूल कम्युनिकेशन विभाग (Kennedy School Communications Department) ने प्रकरण का संज्ञान लिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ मीसा भारती कॉन्फ्रेंस के बाद मंच पर गई थीं और वहीं उन्होंने तस्वीरें खिंचवाई। फिर वह तस्वीरें अखबारों में भी प्रकाशित हुई थीं।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने साफ़ किया था कि मीसा भारती ने कोई भाषण नहीं दिया था इसलिए किसी भी अमेरिकी समाचार पत्र में यह ख़बर प्रकाशित नहीं हुई थी। अगर मीसा भारती ने कोई भाषण दिया होता तो उनकी तस्वीर या वीडियो विश्वविद्यालय के पास ज़रूर होता।
इस मुद्दे पर विवाद बढ़ने के बाद मीसा भारती ने सफाई देते हुए कहा था,
“मैं राजनीतिक पृष्ठभूमि से आती हूँ इसलिए जो कुछ करती हूँ वह ख़बर बन जाती है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने मुझे उस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बुलाया था। उस कायर्क्रम में देश के और भी मशहूर लोगों को बुलाया गया था। क्या आपको लगता है एक मशहूर चेहरा होने के बाद मैं लोगों में भ्रम में रखने की कोशिश करूँगी? मैंने उस कार्यक्रम की कुछ तस्वीरें साझा की थीं, जिसमें एक तस्वीर उस मशहूर जगह की थी। जिसे तमाम समर्थकों/रिपोर्टर्स ने यह समझ कर प्रकाशित करवा दिया था कि मैं वहाँ वक्ता के रूप में गई थी। जैसे ही मुझे इस विवाद की जानकारी मिली, मैंने वह पोस्ट हटा दिया था। वहाँ पर भाषण देने की बात पार्टी के कार्यकर्ता या समर्थक द्वारा कही गई थी।”
गौरतलब है कि कुछ महीने पहले निधि ने बताया था की मैसाचुसेट्स के कैम्ब्रिज स्थित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में उन्होंने बतौर एसोसिएट प्रोफेसर (जर्नलिज्म) का ऑफर मिला है। शुक्रवार (15 जनवरी 2021) को उन्होंने कहा कि वे ‘फिशिंग अटैक’ का शिकार हुईं और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से जो ऑफर मिला था, वह फेक था।