तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के एक विधायक ने पश्चिम बंगाल में 2023 में होने वाले पंचायत चुनावों को लेकर अभी से ही धमकी दी है। TMC विधायक जगदीश चंद्र बर्मा बसुनिया ने रविवार (15 अगस्त, 2021) को कहा कि 2023 के पंचायत चुनाव में केंद्रीय सुरक्षा बल नहीं होंगे और भाजपा की तरफ से लड़ने वाले उम्मीदवारों का ‘ख्याल रखा जाएगा।’ उन्होंने 2023 पंचायत चुनावों में भाजपा के टिकट के दावेदारों को ये धमकी दी है।
जगदीश चंद्र बर्मा बसुनिया जलपाईगुड़ी जिले के सितई विधानसभा क्षेत्र से से TMC के विधायक हैं। उन्होंने स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में कहा, “भाजपा की तरफ से जो लोग पंचायत चुनाव के लिए नॉमिनेशन करने जा रहे हैं, वो सावधान रहें, हमारे आदमी उनलोगों का पूरा ख्याल रखेंगे।” उन्होंने भाजपा को ‘हत्यारी और सांप्रदायिक’ पार्टी बताते हुए कहा कि अगर इसके लिए कोई वोट माँगेगा तो उसे परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
इस पर टिप्पणी करते हुए TMC सांसद सौगत रॉय ने कहा कि पार्टी इस तरह के बयानों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनावों में अभी समय है, लेकिन हम लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव लड़ कर जीतेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा की ‘धमकियों और साजिशों’ को विधानसभा चुनाव में हरा कर TMC को बड़ी संख्या में वोट दिया है। उन्होंने दावा किया कि जनता अब भी तृणमूल का ही समर्थन कर रही है।
Will Take Care of Those Aspiring to Contest 2023 Bengal Panchayat Polls as BJP Nominees: TMC MLA https://t.co/Ae1yEIOx2W
— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) August 16, 2021
वहीं TMC के महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा की तरफ से भी कई नेताओं ने भड़काऊ बयान दिए थे, लेकिन जनता ने उन सबको नकार दिया। पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने जगदीश चंद्र बर्मा बसुनिया के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वो चुनौती देते हैं कि वो जो कह रहे हैं, वो कर के दिखाएँ। उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता इस तरह की धमकियों से डरने वाले नहीं हैं।
उन्होंने कहा, “हम इस तरह की आतंकी हथकंडों के सामने नहीं झुकेंगे।” उन्होंने कहा कि मार्च-अप्रैल में हुए विधानसभा चुनावों में यही जगदीश चंद्र बर्मा बसुनिया लोगों के आक्रोश को देखते हुए डर के मारे अपना ही विधानसभा क्षेत्र छोड़ कर भाग गए थे। उन्होंने कहा कि आज भाजपा के पास 77 विधायक हैं और हम 3 साल पहले वाले हथकंडों को नहीं अपनाने देंगे। बता दें कि 2018 में पंचायत चुनावों के दौरान बूथ कैप्चरिंग से लेकर हिंसा की कई खबरें आई थीं।