‘इच्छाधारी आन्दोलनजीवी’ योगेंद्र यादव आज दर्शन पाल और राकेश टिकैत जैसों के साथ मिल कर ‘किसान आंदोलन’ का चेहरा बने हुए हैं, लेकिन कभी उन्होंने इसी तरह के कृषि कानूनों को लाने की वकालत की थी, जिनका आज वो विरोध कर रहे हैं। ‘पॉलिटिकल कीड़ा’ ने एक पुराना वीडियो शेयर किया है, जिसमें ‘स्वराज अभियान’ के अध्यक्ष योगेंद्र यादव कह रहे हैं कि किसानों को सीधे बाजार तक पहुँच मिलनी चाहिए।
इस वीडियो में वो समझाते हुए कहते हैं कि बेचने वाले उत्पादक और खरीदने वाले ग्राहक के बीच फ़िलहाल 7 लेयर हैं, जिन्हें कम किया जाना चाहिए। तब उनकी माँग थी कि सरकार को बाजार को रेगुलेट करना पड़ेगा क्योंकि सारी चीजों की मार किसानों पर ही पड़ रही है। उन्होंने मौजूदा सिस्टम को ख़त्म करने की बात करते हुए बिचौलियों पर लगाम लगाने की बात कही थी। उन्होंने आशंका जताई थी कि बिचौलिए और सरकार मिले हुए हैं।
उन्होंने ये भी कहा था कि पूरा का पूरा बाजार आज उन लोगों के कब्जे में है, जो न तो उत्पादन कर रहे हैं और न ही उपयोग कर रहे हैं। उनका जोर था कि उपभोक्ता और उत्पादक दोनों को पीसने से रोका जाए।
योगेंद्र यादव ने मोदी सरकार पर ये तक आरोप लगाया था कि वो न तो उपभोक्ताओं का प्रतिनिधित्व करती है और न ही किसानों का। आज जब केंद्र सरकार ने इसी समस्या को ख़त्म करने के लिए 3 कृषि कानून लाए, तो योगेंद्र यादव उसके भी विरोध में हैं।
Yogendra Yadav in 2018 wanted Govt to link Farmers directly to market.
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) February 8, 2021
When Modi Govt did it, Aandolan Jeevi is opposing the same. pic.twitter.com/dyaPq4uGP8
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना बात हर चीज का विरोध करने वालों के लिए राज्यसभा में सोमवार (फ़रवरी 8, 2021) को ‘आन्दोलनजीवी’ शब्द का प्रयोग किया था। इसी तरह प्रशांत भूषण ने एक वीडियो रीट्वीट किया जिसमें लिखा था, “चरखी दादरी पर आज किसान आंदोलन।” प्रशांत भूषण ने इसे रीट्वीट करते हुए लिखा, “बंगाल जीतने के चक्कर में शायद भाजपा उत्तर प्रदेश खो दिया है।” जबकि ये जगह हरियाणा में है।