उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम देख कर ‘The Wire’ की पत्रकार आरफा खानुम शेरवानी और फ़िलहाल ‘किसान नेता’ का किरदार अदा कर रहे योगेंद्र यादव किसी तरह अपने पिछले बयानों को सही ठहराने में लगे हैं। आरफा खानुम शेरवानी अब इस बात पर शो कर रही हैं कि जिस तरह का ‘आक्रोश’ लोगों में था, वो नतीजों में परिलक्षित नहीं हो रहा है। वहीं NDTV पर आए योगेंद्र यादव ने भी अजोबोगारब बातें की।
योगेंद्र यादव ने जनता पर ही भाजपा के साथ मिल कर ‘गणतंत्र को उखाड़ने’ के आरोप लगा दिए। अब लोग उनसे पूछ रहे हैं कि जिस लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है, वहाँ जनता पर ही कैसे सिर्फ इसीलिए दोष मढ़ा जा सकता है क्योंकि उसने किसी पार्टी के पक्ष में मतदान किया। योगेंद्र यादव ने मतदाताओं को ही जिम्मेदार ठहरा दिया। कल को कहीं ऐसा न हो कि वो पूरे देश और फिर संविधान को ही गाली देने लगें। शायद उन्हें योगी आदित्यनाथ की जीत का झटका लगा है।
Latest gem by @_YogendraYadav on #ResultsWithNDTV. “The result is a support for dismantling of the republic with the support of the public.” What is the republic without the public? These guys have regard for the public, when it doesn’t suit them. #ElectionResults2022
— Prasanna Karthik (@prasannakarthik) March 10, 2022
अगर आरफा खानुम शेरवानी की बात करें तो वो लगातार ये अफवाह फैलाने में लगी थीं कि मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ सिर्फ ‘मुस्लिम डॉन’ सब के पीछे ही पड़े रहे, जबकि सच्चाई ये है कि ‘योगी का बुलडोजर’ माफियाओं का जाति-धर्म देखे बिना ही उनकी संपत्ति पर चला। आरफा ने दावा किया कि उन्होंने काफी नजदीक से यूपी को पिछले चुनाव में भी कवर किया था और सपा ने कड़ी टक्कर दी थी। ताज़ा रुझान पर उन्होंने कहा कि
उन्होंने दावा किया कि भाजपा के नेता ही ऐसा कह रहे थे कि योगी आदित्यनाथ को वो दोबारा मुख्यमंत्री के रूप में आगे नहीं रखना चाहते। उन्होंने कहा कि सपा और रालोद ने एक नया विपक्ष तैयार किया है। उन्होंने एक ‘विशेषज्ञ’ से सवाल पूछा कि जब RSS 100 वर्षों से भारत में है, फिर एक खास विचारधारा को चेहरा मिला और कॉन्ग्रेस के लिए दुःख भरे दिन आ गए हैं, तो ‘योगी बनाम मोदी’ की प्रतियोगिता का क्या मकसद है?