काबुल से चलने वाले भारतीय यात्री विमान को पिछले महीने हवाई क्षेत्र में पाकिस्तानी लड़ाकू जेट द्वारा रोक दिया गया था। यह घटना फ़रवरी में बालाकोट हवाई हमले के बाद नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच बढ़ते तनाव के दौरान हुई। यह घटना 23 सितंबर की है, जब स्पाइसजेट की उड़ान को हवा में ही रोक दिया गया था। इस दौरान पाकिस्तान एयरफ़ोर्स के दो F-16 फाइटर जेट्स ने भारतीय विमान को दोनों ओर से घेर लिया था और पायलट को फ़्लाइट की ऊँचाई कम करने और उड़ान के विवरण के साथ उन्हें रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था।
दरअसल, स्पाइसजेट की यह फ़्लाइट SG-21 थी और इसने दिल्ली से काबुल के लिए उड़ान भरी थी। इस फ़्लाइट में 120 यात्री सवार थे। ख़बर के अनुसार, स्पाइसजेट के कैप्टन ने F-16 के पायलट्स को पूरी जानकारी दी।
फ़्लाइट के यात्रियों में से एक ने नाम न छापने की शर्तों पर ANI को बताया कि पाकिस्तानी लड़ाकू पायलट ने हाथ के संकेतों के माध्यम से स्पाइसजेट पायलट को वाणिज्यिक विमान की ऊँचाई कम करने का निर्देश दिया। वहीं, एक अन्य यात्री ने बताया,
“जिस समय पाकिस्तानी F-16 अपनी उड़ान के दौरान उड़ान भर रहे थे, सभी यात्रियों को अपनी खिड़कियां बंद करने और शांति बनाए रखने के लिए कहा गया।”
सूत्रों के हवाले से इंडिया टुडे ने लिखा कि हर फ़्लाइट का एक कोड होता है और स्पाइसजेट को ‘SG’ कोड से जाना जाता है। इस वजह से पाकिस्तान के ATC को कनफ़्यूज़न हो गया। ATC को स्पाइसजेट के ‘IA’ से लगा कि यह इंडियन आर्मी या फिर इंडियन एयरफ़ोर्स का एयरक्राफ़्ट है। इसके बाद जब ATC ने इस बात की जानकारी दी कि IA कोड के साथ भारत से एक एयरक्राफ्ट आ रहा है है तो तुरंत ही पाकिस्तान एयरफोर्स ने F-16 जेट को इसे इंटरसेप्ट करने के लिए भेज दिया।
जैसे ही कनफ़्यूज़न ख़त्म हुआ, पाक फाइटर जेट्स ने स्पाइसजेट को अपने एयरस्पेस से बाहर तक जाने का रास्ता दिया और तब तक उसके साथ रहे जब तक वह अफ़ग़ानिस्तान की सीमा में दाखिल नहीं हो गया। DGCA की तरफ़ से इस बात की पुष्टि की गई है। फ़्लाइट काबुल पहुँच गई, लेकिन इसकी वापसी में क़रीब पाँच घंटे की देरी हुई थी। काबुल में पाकिस्तान दूतावास के अधिकारियों ने कुछ पेपरवर्क का काम पूरा किया जो इसी घटना से जुड़ा था।