Saturday, July 27, 2024
Homeविविध विषयअन्यप्रचंड गर्मी से उड़ते हुए मर रहे हैं पक्षी, पर्यावरण के लिए गंभीर चिंता...

प्रचंड गर्मी से उड़ते हुए मर रहे हैं पक्षी, पर्यावरण के लिए गंभीर चिंता का विषय

"इतनी गर्मी में क्रेन और स्टॉर्क जैसे पक्षी उतने प्रभावित नहीं हो रहे हैं क्योंकि ये वॉटर बॉडीज में रहते हैं लेकिन ऊँची उड़ान भरने वाले दूसरे पक्षी इतनी अधिक गर्मी को बर्दास्त न कर पाने के कारण बुरी तरह थककर गिरने से दम तोड़ दे रहे हैं।"

साल-दर साल जिस तरह मौसम का मिजाज बदलता जा रहा है उसका असर न सिर्फ इंसानों पर बल्कि पूरे के पूरे जैवमंडल से लेकर पारिस्थितिकी तंत्र पर दृष्टिगत हो रहा है। लेकिन, पिछले कई सालों में मौसम की अनिश्चितता ने यदि सबसे ज़्यादा किसी को प्रभावित किया है तो वह है माइग्रेटरी बर्ड्स। इस समय कुछ शहरों का तापमान 45-47 डिग्री है। जहाँ सबसे ज़्यादा उड़ते हुए पक्षी गिरकर घायल होने या हीटस्ट्रोक के कारण मर जा रहे हैं।

द हिन्दू की एक रिपोर्ट के अनुसार, गर्मी से बेहाल होकर, बुरी तरह थककर कई पक्षियों को गिरते हुए कई लोगो द्वारा देखा गया है। जिसकी सूचना एनिमल वेलफेयर संस्था को दे दी जा रही है। भारतीय प्राणी मित्र संघ के महेश अग्रवाल ने बताया कि कल ही उन्हें हैदराबाद के दिलसुखनगर से ऐसे ही एक गर्मी से बेहाल पक्षी के गिरने की सूचना मिली, जिसे प्राथमिक चिकित्सा देकर बचा लिया गया।

साथ ही, उन्होंने यह भी बताया की नजदीकी पक्षियों को तो बचा लिया जा रहा है लेकिन दूर के पक्षी तक हमारे स्वयंसेवकों को पहुँचने से पहले ही वो दम तोड़ दे रहे हैं।

एक वेटनरी डॉक्टर ने बताया, “इतनी गर्मी में क्रेन और स्टॉर्क जैसे पक्षी उतने प्रभावित नहीं हो रहे हैं क्योंकि ये वॉटर बॉडीज में रहते हैं। लेकिन ऊँची उड़ान भरने वाले दूसरे पक्षी इतनी अधिक गर्मी को बर्दास्त न कर पाने के कारण बुरी तरह थककर गिरने से दम तोड़ दे रहे हैं।”

गिद्ध भी ऊँचा उड़ते हैं लेकिन आमतौर पर ये बादलों से ऊपर उड़ान भरते हैं और ये 50 डिग्री तक के तामपान को सहने में सक्षम होते हैं। इन पर गर्मी का प्रभाव उतना नहीं देखने को मिल रहा है।

कारणों की पड़ताल में विशेषज्ञ लगे हुए हैं लेकिन प्राथमिक कारण गर्मी में पक्षियों के लिए शेल्टर का अभाव और वाटर बॉडीज का सुख जाना भी एक कारण बताया जा रहा है। ज़्यादातर पक्षी गर्मी में हार्टस्ट्रोक से भी मर रहे हैं।

यह सब देखकर पर्यावरणविद चिंतित हैं। साथ ही उनका कहना है कि आने वाले समय अगर पर्यावरण पर ध्यान नहीं दिया गया तो पर्यावरणीय क्षति पक्षियों के साथ-साथ मनुष्यों के लिए भी घातक परिणाम लेकर आने वाला है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

अग्निवीरों को पुलिस एवं अन्य सेवाओं की भर्ती में देंगे आरक्षण: CM योगी ने की घोषणा, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ सरकारों ने भी रिजर्वेशन...

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी और एमपी एवं छत्तीसगढ़ की सरकार ने अग्निवीरों को राज्य पुलिस भर्ती में आरक्षण देने की घोषणा की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -