तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा (Dalai Lama) ने अमेरिका में जन्मे एक मंगोलियाई बच्चे को बौद्ध धर्म का तीसरा सबसे महत्वपूर्ण दर्जा दिया है। 87 साल के दलाई लामा ने 8 वर्षीय मंगोलियाई बच्चे को 10 वें खलखा जेटसन धम्पा रिनपोछे का पुनर्जन्म बताया है। द टाइम्स के अनुसार, यह बच्चा दलाई लामा और पंचेन लामा के बाद बौद्ध धर्म का तीसरा सबसे बड़ा धर्मगुरु बना है।
हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में 8 मार्च 2023 को नए धर्मगुरु के मिलने का समारोह आयोजित किया गया था। लेकिन इसकी जानकारी अब सामने आई है। समारोह में 600 मंगोलियाई मौजूद रहे। इस दौरान दलाई लामा ने कहा- “हमारे पूर्वजों के चक्रसंवर के कृष्णाचार्य वंश से गहरे रिश्ते थे। इनमें से एक ने मंगोलिया में एक मठ की भी स्थापना की थी। ऐसे में तीसरे धर्मगुरु का मंगोलिया में मिलना काफी शुभ है।”
An 8 yr-old Mongolian boy named as the reincarnation of the greatest Buddhist spiritual leader of Mongolia by DALAI LAMA☸️‼️
— Schrödinger (@thewittynoise) March 26, 2023
🟠 Boy is being touted as the reincarnation of Khalkha Jetsun Dhampa Rinpoche.
🔴 Announcement could antagonize #China ‼️
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मंगोलियाई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह बच्चा जुड़वाँ लड़कों में से एक है। इनके नाम अगुइदाई और अचिल्टाई अल्टानार है। इनके पिता का नाम अलतनार चिंचुलुन और माता का नाम मोनखनासन नर्मंदख है। बच्चे के पिता अलतनार चिंचुलुन एक विश्वविद्यालय में गणित के प्रोफेसर और राष्ट्रीय संसाधन समूह के कार्यकारी हैं। वहीं, लड़के की दादी मंगोलिया की गरमजाव सेडेन पूर्व सांसद रही हैं।
भड़क सकता है चीन
दलाई लामा का यह कदम काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसे में मंगोलियाई बच्चे को बौद्ध धर्म के आध्यात्मिक नेता के पुनर्जन्म के रूप में मान्यता देने से चीन भड़क सकता है। चीन पहले ही इस बात की घोषणा कर चुका है कि धर्मगुरु नियुक्त करने का अधिकार केवल उसके पास है। इससे पहले भी 1995 में जब दलाई लामा ने दूसरे सबसे बड़े धर्मगुरु पंचेन लामा को चुना था, तो चीन के अधिकारियों ने उसे जेल में डाल दिया था। इसके बाद चीन ने इस पद पर खुद के चुने हुए धर्मगुरु को नियुक्त किया था। अब तीसरे तिब्बती धर्मगुरु मिलने के बाद बौद्धों में उसकी सुरक्षा को लेकर चिंता है।
बता दें कि दलाई लामा ने 2016 में मंगोलिया का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने घोषणा की थी कि जेटसन धम्पा का एक नया अवतार पैदा हुआ है, जिसकी खोज चल रही है। इस यात्रा के बाद चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए आक्रोश व्यक्त किया था। चीन ने मंगोलिया को धमकी भी दी थी। दलाई लामा उनका जन्म 1935 में हुआ था। जब वह 2 साल के थे, तब उन्हें पिछले धर्मगुरु का पुनर्जन्म बताया गया था। तिब्बत पर चीन के कब्जे के बाद 1959 में दलाई लामा वहाँ से भागकर भारत आ गए थे। तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा को 10 दिसंबर, 1989 को शांति नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था।