दिल्ली पुलिस ने मीडिया द्वारा फैलाई जा रही झूठी खबर की एक तेज रफ़्तार कार ने नमाजियों को टक्कर मार दी है, जिसमें 17 नमाज़ी घायल हो गए हैं, से साफ इनकार कर दिया। यह घटना पूर्वी दिल्ली की खुरेजी की बताई जा रही थी। न्यूज़ एजेंसी IANS ने सबसे पहले यह ख़बर चलाई थी जो उस समय विभिन्न स्रोतों से उठाई गई थी।
IANS की रिपोर्ट में, शहादरा की DCP मेघा यादव के हवाले से लिखा था कि 17 लोग इसमें घायल हैं। इस रिपोर्ट को तुरंत ही कई मीडिया समूहों जैसे The Quint, India Today, India TV और Business Standard द्वारा हाथों-हाथ लिया गया।
जबकि, DCP मेघा यादव ने ऐसे किसी भी दावे से इनकार किया है। ऑपइंडिया ने मेघा यादव से इस सम्बन्ध में बात की तो उन्होंने किसी भी न्यूज़ एजेंसी को ऐसी कोई भी सूचना देने से इनकार किया। उन्होंने इसे पूरी तरह से झूठ करारा दिया।
मेघा यादव ने ऑपइंडिया से बात करते हुए कहा, “जो मीडिया समूह या मीडिया पोर्टल मेरे नाम से यह स्टेटमेंट जारी कर रहे हैं कि 17 लोग घायल हुए हैं, वह गलत है। वहाँ कोई भी घायल नहीं है। उन्होंने आगे जोड़ा कि तीन लोग बाद में पुलिस स्टेशन आए थे कि वह घायल हैं लेकिन उन्हें देखकर यह साफ था कि कोई भी घायल नहीं था।”
हालाँकि, ये तीनों लोग जो दावे कर रहे थे कि वह घायल है, उन्हें बाद में मेडिकल जाँच के लिए भी भेज दिया गया।
यादव ने आगे कहा जहाँ पर यह घटना घटी अक्सर वहाँ पर भीड़ रहती है लेकिन जिस समय कार वहाँ से गुज़री, उस समय वहाँ कोई नमाज़ अदा नहीं हो रही थी। बल्कि नमाज़ बहुत पहले ही ख़त्म हो चुकी थी और लोग वहाँ से है चुके थे।
कमाल की बात यह है कि जहाँ ज़्यादातर इंग्लिश मीडिया ने 17 नमाजियों के घायल होने की झूठी ख़बर छापी और चलाई वहीं कुछ हिंदी मीडिया ने ऐसा लिखा कि वहाँ कोई घायल नहीं हुआ है। और इस खबर की सच्चाई बताने की कोशिश की।
उदहारण के लिए Amar Ujala की एक रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस अधिकारी के हवाले से लिखा गया था कि कोई भी घायल नहीं हुआ है। इसी रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि तेजी से गुज़रने वाली कार का विरोध करने के लिए इकट्ठी हुई भीड़ ने पत्थर फेंक कर और तोड़-फोड़ कर अपना विरोध जताया। जिससे आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।