Tuesday, November 19, 2024
Homeदेश-समाजहर टेंडर पर 3% वसूलता था झारखंड में मंत्री रहे आलमगीर आलम का 'गैंग',...

हर टेंडर पर 3% वसूलता था झारखंड में मंत्री रहे आलमगीर आलम का ‘गैंग’, 1.35% मंत्री का होता था शेयर: ED ने सीज की ₹4.42 करोड़ की प्रॉपर्टी, PA के नौकर के घर मिला था नोटों का पहाड़

संजीव कुमार लाल ने पूछताछ में स्वीकारा था कि कुल टेंडर का तीन से चार प्रतिशत राशि वसूला जाता था। इसमें वह मंत्री के शेयर के रूप में 1.35 प्रतिशत राशि वसूलते थे। यह राशि सहायक अभियंता, कार्यपालक अभियंता से मुख्य अभियंता के माध्यम से वसूली जाती थी।

टेंडर में कमीशन घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जाँच कर रही ईडी ने झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल, उसकी पत्नी रीता लाल और नौकर जहाँगीर आलम की 4 करोड़ 42 लाख 55 हजार रुपए की संपत्ति जब्त कर ली है। अस्थाई रूप से जब्त इन संपत्तियों के मामला अब एडजुकेटिंग अथारिटी के पास गया है, जहाँ से 180 दिनों में फैसला आएगा। ये पूरा घोटाला 3000 करोड़ रुपए से अधिक है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईडी ने इन सभी संपत्तियों को जाँच में अवैध धन से अर्जित संपत्ति पाया है। जाँच में स्पष्ट हुआ है कि आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल ने पद का दुरुपयोग कर उक्त संपत्ति अपने व अपनी पत्नी तथा नौकर के नाम पर खरीदी है। ईडी ने जब्ती नोट में इसका जिक्र किया है कि संजीव कुमार लाल ने पूछताछ में स्वीकारा था कि कुल टेंडर का तीन से चार प्रतिशत राशि वसूला जाता था। इसमें वह मंत्री के शेयर के रूप में 1.35 प्रतिशत राशि वसूलते थे। यह राशि सहायक अभियंता, कार्यपालक अभियंता से मुख्य अभियंता के माध्यम से वसूली जाती थी। राशि की वसूली नकदी में होती थी। सहायक अभियंता, कार्यपालक अभियंता संजीव लाल से कैश लेने के लिए किसी व्यक्ति को भेजने के लिए कहते थे।

जानकारी के मुताबिक, कैश लेने के लिए संजीव लाल अपने दोस्त मुन्ना सिंह या मुन्ना सिंह के भाई संतोष सिंह को इंजीनियर्स के पास भेजते थे। इसके बाद संजीव लाल अपने नौकर जहांगीर आलम को रानी अस्पताल के समीप स्थित अभिनंदन मैरेज हाल के पास स्कूटी के साथ भेजते थे, जहाँ रुपयों से भरा बैग मुन्ना सिंह के भाई संतोष सिंह उर्फ रिंकू सिंह जहाँगीर को देते थे। वह उन रुपयों को अपने सर सैय्यद रेसिडेंसी में पहुँचाता था। ये संपत्ति भी जब्त कर ली गई है। संजीव लाल के अनुसार, कमीशन की राशि से 1.35 प्रतिशत राशि वह मंत्री आलमगीर आलम को पहुँचाते थे। टेंडर के वर्क ऑर्डर आवंटन से मिली कमीशन से 1.65 प्रतिशत राशि बड़े नौकरशाह, इंजीनियरों और कर्मचारियों को जाता था।

ईडी की जाँच में ये भी खुलासा हुआ है कि जहाँगीर आलम के फ्लैट से बरामद 32 करोड़ 20 लाख रुपये व मुन्ना सिंह के ठिकाने से बरामद 2.93 करोड़ रुपये मंत्री जहाँगीर आलम के थे। पूछताछ में जहाँगीर आलम ने इसे स्वीकारा भी था। 32 करोड़ 20 लाख 94 हजार 400 रुपये संजीव लाल के दो-तीन लोगों ने अलग-अलग तारीखों में उसे दिया था। मुन्ना सिंह ने ईडी की पूछताछ में स्वीकारा था कि उसने 53 करोड़ रुपये नकदी अपने छोटे भाई संतोष कुमार के माध्यम से कलेक्ट किया और उसे संजीव लाल तक पहुँचाया। ये रुपए मुख्यत: सात लोगों के माध्यम से लिए गए, जिनमें राजीव कुमार, संतोष कुमार, राजकुमार टोप्पो, अजय कुमार, अशोक कुमार गुप्ता, अजय तिर्की व अमित कुमार शामिल हैं। ये सभी ग्रामीण विकास विभाग में इंजीनियर्स हैं।

ईडी ने ये संपत्तियाँ की हैं जब्त

  • तीन अप्रैल 2023 को बरियातू में खरीदी गई 16.52 डिसमिल आवासीय भूमि। यह वार्ड नंबर नौ स्थित बरियातू में खाता नंबर 143 के प्लाट नंबर 440 पर है। इस पर 2000 वर्गफीट में एक बिल्डिंग भी है। दस्तावेज के अनुसार इसकी कीमत 70 लाख रुपये है। इसका वास्तविक मूल्य दो करोड़ 85 लाख रुपये है। यह संजीव कुमार लाल के नाम पर है।
  • रीता लाल के नाम पर पुंदाग मौजा में 20 फरवरी 2024 को खरीदी गई 8.60 डिसमिल जमीन। दस्तावेज के अनुसार यह 24 लाख 50 हजार रुपये में खरीदी गई थी। इसका वास्तविक मूल्य 47 लाख 30 हजार रुपये है।
  • जहाँगीर आलम के नाम पर सर सैय्यद रेसिडेंसी में 18 नवंबर 2023 को खरीदा गया 995 वर्गफीट का ब्लाक बी में फ्लैट नंबर 1ए। दस्तावेज के अनुसार यह फ्लैट 38 लाख में खरीदा गया था। ये वही फ्लैट है, जिसमें भारी मात्रा में नकदी पाई गई थी।
  • जहाँगीर आलम के नाम पर 23 फरवरी 2024 को पुंदाग मौजा में 9.75 डिसमिल जमीन। दस्तावेज के अनुसार यह 25 लाख 71 हजार रुपये में खरीदी गई थी। इसका वास्तविक कीमत 72 लाख 25 हजार रुपये है।

डीड में कम कीमत दिखाई, नकदी में अधिक भुगतान किया

अधिकतर अचल संपत्तियों की खरीदारी में बड़े पैमाने पर नकदी का इस्तेमाल हुआ है। ईडी ने जाँच में पाया है कि डीड में बैंक के माध्यम से बहुत कम राशि का भुगतान हुआ। डीड में राशि भी कम दिखाई गई है, जबकि अचल संपत्तियों के एवज में भुगतान की बड़ी राशि नकदी में हुई है। यह वही राशि थी, जो कमीशन के एवज में उन्हें मिली थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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