Monday, November 18, 2024
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भरूच के 37 परिवारों का इस्लाम में धर्मांतरण: लालच देने वाले 4 फरार आरोपित पहुँचे हाईकोर्ट, FIR खारिज करने की माँग

ऑपइंडिया से बात करते हुए वसावा ने कहा था, "आदिवासी गरीब लोग हैं। अगर कोई कुछ अनाज देता है तो हम मानते हैं कि वे अच्छे लोग हैं। यही कारण है कि लोग धर्म परिवर्तन का लालच देते हैं।"

गुजरात के भरूच में बहुचर्चित सामूहिक धर्मांतरण के मामले में 6 अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। वहीं, मामले के फरार चार आरोपियों ने प्राथमिकी रद्द कराने के लिए गुजरात उच्च न्यायालय का रुख किया है। इन आरोपियों पर विदेशों से धन लेकर इस्लाम में धर्मांतरण करने के आरोप हैं।

गुजराती दैनिक ‘गुजरात समाचार’ के अनुसार, शब्बीर बेकरीवाला, समज बेकरीवाला, हसन टिस्ली और इस्माइल अछोडवाला ने उच्च न्यायालय में दिए याचिका में कहा है कि उनमें से चार सहित नौ लोगों के खिलाफ पुलिस ने शिकायत दर्ज की है। उन पर विदेशी धन प्राप्त करने और क्षेत्र में आदिवासियों को इस्लाम में परिवर्तित करने के लिए इसका उपयोग करने का आरोप लगाए गए हैं।

याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि धर्म परिवर्तन हुआ है, लेकिन ऐसा करने के लिए किसी को बहलाया-फुसलाया नहीं गया। शिकायत में विसंगतियों का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता ने 2018 में इस्लाम धर्म अपना लिया था।

इस मामले में ऑपइंडिया ने बताया था कि साल 2018 में 37 आदिवासी परिवारों को बेहतर नौकरी, पैसा, शादी का लालच आदि देकर इस्लाम में धर्मांतरित कर दिया गया था। ऑपइंडिया से बात करते हुए इस्लाम में धर्मांतरित होने के बाद सलमान पटेल नाम रखने वाले प्रवीण वसावा था, “हमें सिखाया गया था कि हिंदू धर्म जैसा कोई धर्म नहीं है और इस्लाम ही सच्चा धर्म है।” उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों को 2018 में वापस इस्लाम में धर्मांतरित किया गया था, उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी गई थी कि उनके पहचान पत्र भी बदल दिए जाएँगे।

ऑपइंडिया से बात करते हुए वसावा ने कहा था, “आदिवासी गरीब लोग हैं। अगर कोई कुछ अनाज देता है तो हम मानते हैं कि वे अच्छे लोग हैं। यही कारण है कि लोग धर्म परिवर्तन का लालच देते हैं।”

इस मामले में आमोद पुलिस ने 15 नवंबर 2021 को ‘गुजरात फ्रीडम फॉर रीलिजन बिल’ के तहत मामला दर्ज किया था। 16 दिसंबर को भरूच पुलिस ने मामले में छह और आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पाटन से याकूब इब्राहिम शंकर, पालेज से रिजवान महबूब पटेल, ठाकोरभाई गिरधरभाई वसावा और आमोद से साजिद मोहम्मद पटेल एवं यूसुफ पटेल और जंबूसर से अयूब बशीर पटेल को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने विदेशों से चंदा लेकर 14 लाख रुपए जुटाए थे। इसमें से 7 लाख रुपए रिजवान पटेल ने बहरीन के इस्माइल से जमा किए थे।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भरूच के पुलिस उपाधीक्षक एमपी भोजानी ने कहा कि जाँच के दौरान यह पता चला है कि याकूब शंकर और रिजवान पटेल ने 14 लाख रुपए एकत्र किए थे, जिसका उपयोग एक इबादतगाह (मस्जिद) बनाने और इस्लाम धर्मांतरित करने वाले लोगों में बाँटने के लिए किया गया था। इस तरह की धर्मांतरण गतिविधियों के लिए भरूच जिला कलेक्टर से कोई अनुमति नहीं ली गई थी।

भोजानी ने आगे कहा कि ठाकोरभाई गिरधरभाई वसावा ने आदिवासी परिवारों को इस्लाम में धर्मांतरित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जंबूसर के अयूब बशीर पटेल गाँव में मोहम्मदी मस्जिद का सदस्य है और नए धर्मांतरित आदिवासियों को इस्लाम के बारे में सिखाने के लिए वहाँ ले जाता है।

वहीं, साजिद और युसूफ अछोडवाला गाँव के बैतुलमाल ट्रस्ट के सदस्य हैं और सलाउद्दीन शेख ने उन्हें 3.71 लाख रुपए का चंदा दिया था। इस साल अक्टूबर में वडोदरा शहर पुलिस के विशेष जाँच दल (एसआईटी) ने पाया कि शहर स्थित अमेरिकन फेडरेशन ऑफ मुस्लिम्स ऑफ इंडियन ओरिजिन (एएफएमआई) ने ‘विस्थापित’ बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों के लिए गाजियाबाद के नजदीक 400 फ्लैटों के निर्माण सहित अन्य गतिविधियों के लिए हवाला के जरिए फंड भेजा था।

उस पर भारत-नेपाल सीमा के पास मौलवियों को फंडिंग करने का भी आरोप है। शेख AFMI के ट्रस्टियों में से एक हैं। कुछ साल पहले मुंबई में इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक से प्रभावित होकर शेख ने ट्रस्ट की शुरुआत की थी। उसका नाम उत्तर प्रदेश के सामूहिक धर्म परिवर्तन रैकेट में भी सामने आया था। इस रैकेट के प्रमुख संदिग्धों में उमर गौतम है।

इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने भरूच पुलिस प्रशासन पर ढिलाई बरतने का आरोप लगाया है। सूत्र का कहना है, “उन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो मूल रूप से हिंदू थे और उन्हें इस्लाम में धर्मांतरित कर दिया गया था। मुख्य आरोपी अभी फरार हैं। मामले के आरोपित मौलवियों में से एक ने अग्रिम जमानत के लिए आवेदन भी दिया है।”

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Nirwa Mehta
Nirwa Mehtahttps://medium.com/@nirwamehta
Politically incorrect. Author, Flawed But Fabulous.

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