हाथरस के बहुचर्चित बूलगढ़ी कांड के चारों मुख्य आरोपितों में से तीन को एससी-एसटी कोर्ट ने बरी कर दिया है जबकि 1 आरोपित को सजा सुनाई गई है। मामले में संदीप ठाकुर, रामू सिंह, लवकुश सिंह और रवि सिंह मुख्य आरोपित थे। इसमें संदीप को दोषी माना गया है। कहा जा रहा है कि कोर्ट के फैसले से पीड़ित का परिवार संतुष्ट नहीं है।
14 सितम्बर, 2020 को चंदपा के बूलगढ़ी गाँव में युवती के साथ मारपीट की घटना पेश आई थी। 29 सितम्बर को दिल्ली के सफदरगंज में युवती ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। इसी मामले में एससी/एसटी एक्ट के तहत गाँव के ही 4 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। एसी/एसटी कोर्ट ने मामले में रामू, लवकुश और रवि को बरी कर दिया है। मुख्य आरोपित संदीप को धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और एससी/एसटी एक्ट के तहत दोषी माना है। इसका अर्थ है कि पीड़िता के साथ गैंगरेप का आरोप सिद्ध नहीं हुआ है।
Boolgarhi, Hathras rape-murder case | A local court acquits accused Ravi, Ramu and Luv Kush; prime accused Sandeep convicted under IPC Sec 304 and SC/ST Act. #UttarPradesh
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 2, 2023
अदालत के फैसले से असंतुष्ट पीड़ित परिवार हाईकोर्ट में अपील कर सकता है। इस घटना को लेकर काफी विवाद हुआ था खासकर युवती की मौत के बाद मामला गरमा गया। राहुल गाँधी, प्रियंका गांधी, भाीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद समेत देशभर के एंटी बीजेपी नेता और संगठन से जुड़े लोग बूलगढ़ी पर राजनीति करने लगे। वामपंथी मीडिया द्वारा घटना को दलित और सवर्ण का रंग दिया जा चुका था। मेनस्ट्रीम मीडिया भी उसी रंग में रंगी नजर आ रही थी। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हाथरस कांड की जाँच के लिए केंद्र सरकार से सीबीआई जाँच की सिफारिश की थी। अक्चूबर 2020 में सीबीआई ने मामले की जाँच शुरू की।
बता दें कि 14 सितंबर, 2020 को हाथरस में 4 युवकों पर युवती के साथ मारपीट और गैंगरेप का आरोप लगा था। पीड़िता के साथ बरबरता की बातें सामने आई थीं। युवती के भाई ने गाँव के ही संदीप के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। बाद में 26 सितंबर, 2020 को युवती के बयान के आधार पर गाँव के तीन और युवकों रामू, लवकुश और रवि का नाम केस में जोड़ा गया था। अब मामले में संदीप को ही दोषी माना गया है।