Saturday, July 27, 2024
Homeरिपोर्टIIT खड़गपुर के वैज्ञानिकों ने पता लगाया भारत में जीवन का प्रारंभिक स्रोत

IIT खड़गपुर के वैज्ञानिकों ने पता लगाया भारत में जीवन का प्रारंभिक स्रोत

खड़गपुर आईआईटी के वैज्ञानिकों को ऐसे सूक्ष्म जीवाणु मिले हैं जो दक्कन क्षेत्र में तब से मौजूद थे जब पृथ्वी के वायुमंडल में ऑक्सीजन का घुलना प्रारंभ हुआ था।

हम धरती की आयु और धरती पर उत्पन्न होने वाले जीवन के कालखंड को कैसे समझ सकते हैं? इसका उत्तर प्रणय लाल ने भारत की नेचुरल हिस्ट्री पर लिखी अपनी पुस्तक ‘Indica: A Deep Natural History of the Indian Subcontinent’ में पुराने जमाने के विज्ञान लेखक निगेल काल्डर को उद्धृत करते हुए लिखा है।

काल्डर कहते हैं कि मान लीजिए 4 अरब 60 करोड़ वर्ष पुरानी पृथ्वी एक 46 वर्षीया महिला है। अब यदि कोई इस महिला की जीवनी लिखेगा तो जन्म के पहले सात वर्ष एक बच्ची के रूप में महिला ने क्या किया इसका कोई प्रमाण उसे उपलब्ध नहीं होगा।

लेकिन जन्म से सात वर्ष बाद के कालखंड में उस महिला के जीवन में क्या-क्या घटित हुआ इसके सबूत मिलने की संभावना अधिक प्रबल है। उसी प्रकार धरती के जन्म के तुरंत बाद क्या हुआ इसकी केवल कल्पना ही की जा सकती है लेकिन धरती के लगभग पाँच अरब वर्षों के जीवन में हाल के दो तीन अरब सालों में क्या-क्या हुआ इसके साक्ष्य ग्रीनलैंड या अफ्रीका की चट्टानों में मिल सकते हैं। मनुष्य की स्मृति के समान धरती की सतह से भी उसपर होने वाले परिवर्तन के साक्ष्य समय के साथ मिटते जाते हैं।

आज विज्ञान की सहायता से मनुष्य धरती की संरचना और उसपर जीवन कब और कैसे उत्पन्न हुआ इसका पता लगाने का प्रयास कर रहा है। काल्डर के अनुसार चलें तो जब धरती 11 वर्ष की थी तब उसपर जीवन प्रारंभ हुआ था। उस समय एक कोशिका वाले जीव जंतु पहली बार उत्पन्न हुए थे जिन्हें Last Universal Common Ancestor (LUCA) कहा जाता है। उन्हीं अंतिम पूर्वजों से बाद में बहुकोशिकीय (एक से अधिक कोशिका वाले) जीव उत्पन्न हुए।

भारत में सबसे पहले बहुकोशिकीय जीव कब पैदा हुए इसपर मतभेद है लेकिन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर के वैज्ञानिकों ने भारत की धरती पर एक कोशिका वाले जीव कब उत्पन्न हुए इसका पता लगाया है। आईआईटी खड़गपुर में बायोटेक्नोलॉजी के प्रोफेसर पिनाकी सार के नेतृत्व में वैज्ञानिकों के दल ने महाराष्ट्र में कोयना नदी के तट पर बसे करार गाँव में ऐसे सूक्ष्म जीवों का पता लगाया है जो उस क्षेत्र में तब से अस्तित्व में हैं जब पृथ्वी के वायुमंडल में ऑक्सीजन का घुलना प्रारंभ हुआ था।

प्रोफेसर पिनाकी सार ने बताया कि आज से 2.5 अरब वर्ष से लेकर 6.5 करोड़ वर्ष की अवधि में जब पृथ्वी ठंडी हो रही थी तब जीवन सूक्ष्म रूप में जन्म ले रहा था। जब पृथ्वी का वायुमंडल निर्मित हो रहा था तब आरंभ में उसमें ऑक्सीजन नहीं थी। उस समय कुछ ऐसे सूक्ष्म जीव उत्पन्न हुए जिन्हें ‘aerobes’ कहा जाता है। इन्हीं aerobes में से एक हैं सायनोबैक्टीरिया।

समुद्री सायनोबैक्टीरिया ने ढाई अरब वर्ष पहले प्रकाश संश्लेषण क्रिया से ऑक्सीजन उत्पन्न की जो वायुमंडल में जाकर घुली तब धरती पर रहने वाले जीव उत्पन्न हुए जिन्होंने फेफड़ों से साँस लेना सीखा। इसे ‘ग्रेट ऑक्सीजिनेशन इवेंट’ अर्थात वायुमंडल में ऑक्सीजन घुलने की प्रक्रिया कहा जाता है।

दक्कन के पठारी क्षेत्र में कोयना नदी के पास करार गाँव में 1964 में बड़ा भूकंप आया था जिसके कारणों का पता लगाने के लिए भूगर्भशास्त्रियों की एक टीम लगी थी। चूँकि दक्कन के पठार के पत्थर भी विश्व के सबसे प्राचीन पत्थरों में से हैं इसलिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बायोटेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों को भी उन चट्टानों के भीतर जीवन का पता लगाने को कहा।    

खड़गपुर आईआईटी के वैज्ञानिकों ने 2014 में शोध करना आरंभ किया था जिसके फलस्वरूप चार वर्ष बाद उन्हें ऐसे सूक्ष्म जीवाणु मिले जो दक्कन क्षेत्र में तब से मौजूद थे जब ग्रेट ऑक्सीजिनेशन इवेंट हुआ था। यह शोध प्रतिष्ठित ‘नेचर’ पत्रिका की ‘साइंटिफिक रिपोर्ट्स’ के नवंबर संस्करण में प्रकाशित हुआ है।

चट्टानों के भीतर विषम परिस्थितियों में एक कोशिका वाले ये सूक्ष्म जीवाणु अभी जीवित हैं या नहीं इसका पता नहीं चल पाया है। वैज्ञानिकों का दल अब इसकी खोज में लगा है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

अग्निवीरों को पुलिस एवं अन्य सेवाओं की भर्ती में देंगे आरक्षण: CM योगी ने की घोषणा, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ सरकारों ने भी रिजर्वेशन...

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी और एमपी एवं छत्तीसगढ़ की सरकार ने अग्निवीरों को राज्य पुलिस भर्ती में आरक्षण देने की घोषणा की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -