Friday, September 22, 2023
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सेना दिवस: परेड में मेक इन इंडिया का जलवा, महिलाओं ने रचा इतिहास

15 जनवरी 1949 को ही किसी भारतीय (केएम करियप्पा) ने पहली बार सेना अध्यक्ष का पद संभाला था। और उसी दिन की याद में हर वर्ष सेना दिवस मनाया जाता है।

हर साल की तरह इस साल भी 15 जनवरी ‘आर्मी डे’ के रूप में मनाया गया। दिल्ली कैंट स्थित फील्ड मार्शल केएम करियप्पा परेड ग्राउण्ड में भारतीय सेना और सशस्त्र बलों ने अपनी ताकत दुनिया को दिखाई और अपने प्रदर्शन से पूरे देश का दिल जीत लिया। इस आर्मी डे की सबसे ख़ास बात यह रही कि इतिहास में पहली बार किसी महिला अधिकारी ने परेड का नेतृत्व किया। ये अपने-आप में एक बहुत बड़ा क्षण था, जब लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी ने आर्मी सर्विस कोर के 144 जवानों का नेतृत्व किया। लेफ्टिनेंट कस्तूरी 2015 में सेना में शामिल हुई थीं।

सेना में आने से पहले एनसीसी में शामिल रहीं लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी ने इस परेड को सफल बनाने के लिए कई दिनों तक प्रैक्टिस किया था। परेड से पहले एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि अब भारतीय सेना में क्रांति हो रही है और महिला अधिकारियों की स्वीकार्यता बढ़ रही है। इसके अलावे कप्तान शिखा सुरभि आर्मी डेयरडेविल्स टीम में जगह बनाने वाली पहली महिला बन कर इतिहास रचा। 24 वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाली इस टीम ने इस बार भी डेयरडेविल्स बाइक स्टंट्स का ऐसा प्रदर्शन किया, जिस से लोगों के रोंगटे खड़े हो गए।

विदेशी तोपों के साथ-साथ इस बार के सेना दिवस परेड में ‘मेक इन इंडिया (Make In India)’ का भी जलवा रहा। दक्षिण कोरिया के सहयोग से भारत में बनी K-9, जिसका भारतीय नाम वज्र दिया गया है, को भी इस परेड में शामिल किया गया। सेल्फ प्रोपेल्ड हॉवित्ज़र कैटिगरी में वज्र बोफोर्स से भी ज्यादा ताकतवर है। वज्र को नवंबर 2018 में सेना में शामिल किया गया था।

सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत ने सेना दिवस पर कहा:

“हम अपने शहीदों को याद करते हैं, जिनकी अद्वितीय वीरता हमें आने वाले वर्षों में भी प्रेरित करती रहेंगी। भारतीय सेना राष्ट्र की सुरक्षा के लिए किसी भी चुनौती से निपटने में सक्षम है और पूरी तरह तैयार है।”

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने भी भारतीय सेना को देश का गौरव बताते हुए उन्हें सेना दिवस की बधाई दी।

सेना दिवस प्रत्येक वर्ष भारत के पहले चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ़ (COAS) कोडंडेरा मडप्पा करिअप्पा (KM Cariappa) की याद में मनाया जाता है। जनरल करिअप्पा को उनके सेना से रिटायरमेंट के 33 सालों बाद फील्ड मार्शल की उपाधि से सम्मानित किया गया था। राजपूत रेजिमेंट से जुड़े करिअप्पा ने 1947 के भारत-पाक युद्ध में देश की पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना का नेतृत्व किया था। 15 जनवरी यानी आज के ही दिन 1949 में सेना प्रमुख नियुक्त किए गए जनरल करिअप्पा ने भारत और पकिस्तान के बँटवारे के बाद भारतीय सेना के गठन में अहम भूमिका निभाई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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